नई दिल्ली (आईएएनएस)। इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के बाद इजरायल के कई शहरों में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए मोदी सरकार ने विशेष अभियान चलाया है, जिसे 'ऑपरेशन अजय' नाम दिया गया है। इस अभियान के तहत पहली फ्लाइट सुबह करीब 6 बजे दिल्ली पहुंची और हवाई अड्डे पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने उनका स्वागत किया। पहली फ्लाइट से करीब 212 भारतीय नागरिक राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि सरकार का मेन फोकस इजरायल में फंसे 18,000 भारतीयों को सकुशल वापस लाना है।

छात्रों सहित 18,000 भारतीय इजरायल में
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इजरायल में इस वक्‍त छात्रों सहित करीब 18,000 भारतीय हैं। सरकार ने युद्धग्रस्त इजराइल से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए 'ऑपरेशन अजय' शुरू किया है। बागची ने कहा कि भारतीयों को वापस लाने के लिए और ज्यादा से ज्यादा चार्टर्ड उड़ानों की व्यवस्था की जाएगी। जिनकी संख्‍या घर लौटने की इच्छा व्यक्त करने वाले लोगों की संख्या पर निर्भर करेगा। जो लोग लौट रहे हैं उन्हें कोई किराया नहीं देना होगा और सरकार उनकी वापसी के एक्सपेंसेस खर्च कर रही हैं। केंद्रीय मंत्री ने विदेश मंत्रालय, एयर इंडिया की इस उड़ान के चालक दल को इसे संभव बनाने के लिए, लोगों को सुरक्षित भारत लाने के लिए आभार जताया।

क्या है ऑपरेशन अजय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा ऑपरेशन अजय हमारे उन नागरिकों की सुविधा के लिए शुरू किया गया था जो वापस आना चाहते हैं। बागची ने बताया था कि पहली फ्लाइट गुरूवार रात तेल अवीव पहुंचेगी और शुक्रवार सवा दौ सौ लोगों के साथ भारत पहुंचने की संभावना है। बता दें कि इजराइल में फंसे भारतीयों को सुरक्षित घर लाने के लिए भारत ने ऑपरेशन अजय शुरू किया है। लेकिन, यह कोई बचाव अभियान नहीं है। विशेष चार्टर्ड फ्लाइट्स को इस अभियान में लगाया गया है और जरूरत पड़ने पर नेवी शिप भी लगाए जा सकते हैं। इस ऑपरेशन में सिर्फ उन भारतीयों को वापस लाया जाएगा, जो आना चाहते हैं। इसमें सभी भारतीयों को वापस नहीं लाया जाएगा।

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