नई दिल्ली (एएनआई)। Wrestlers Protest : भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक बार फिर से रेसलर्स ने मोर्चा खोल दिया है। इंडियन रेसलर्स विनेश फोगट, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और कई अन्य यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। रेसलर्स सपोर्ट में अब ओलंपिक गोल्ड मेडल विनर नीरज चोपड़ा भी आ गए हैं। उन्होंने कहा कि वह जस्टिस की मांग करते हुए एथलीटों को सड़कों पर देखकर 'आहत' हुए। नीरज चोपड़ा एक इंडियन एथलीट हैं जो वर्तमान में ओलंपिक विश्व चैंपियन हैं और जेवलिन थ्रो में विश्व चैम्पियनशिप रजत पदक विजेता भी हैं। वह पुरुषों के भाला फेंक में ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले एशियाई हैं। टोक्यो ओलंपिक में अपने ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद से गोल्ड मेडल विजेता नीरज चोपड़ा को कई पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं।

मोटापे को लेकर चिढ़ाते थे लोग

नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत के खंडरा गांव में हुआ था। उनका परिवार मूल रूप से कृषि पर निर्भर है। उनकी दो बहनें हैं और उन्होंने चंडीगढ़ के दयानंद एंग्लो वैदिक कॉलेज से स्नातक किया है। वह वर्तमान में जालंधर, पंजाब में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, एलपीयू से ग्रेजुएशन कर रहे हैं। जागरण जोश के मुताबिक बचपन में नीरज भी मानसिक शोषण का शिकार हो चुके हैं। उन्हें हमेशा मोटापे के लिए चिढ़ाया जाता था। उनके दोस्त व करीबी लोग उन्हें अजीबोगरीब शब्दों से बुलाते थे।

पिता ने नीरज को भेजा था जिम

यह सब देखकर ही उनके पिता ने उन्हें मडलौडा और बाद में पानीपत के एक जिम में दाखिला दिलाया। भाला फेंक खिलाड़ी जयवीर चौधरी ने उनकी प्रतिभा को तब पहचाना जब वे पानीपत खेल प्राधिकरण का दौरा करते थे। वे नीरज के पहले कोच भी थे। भारतीय सेना द्वारा दक्षिण एशियाई खेलों में उनके प्रदर्शन से प्रभावित होने के बाद नीरज चोपड़ा को सेना में राजपूताना राइफल्स में जूनियर कमीशंड अधिकारी के पद की पेशकश की गई। उन्हें नायब सूबेदार का दर्जा दिया गया जो एथलीटों के लिए आसानी से उपलब्ध रैंक नहीं है।