श्रद्धालुओं ने बताया कि वहां बदमाशों ने कई महिलाओं और लड़कियों के जेवरात लूट लिए. आधा दर्जन महिलाओं को बदमाश जंगल में खींच ले गए और उनकी आबरू पर हमला किया. इनमें से कुछ का तो पता ही नहीं चला. इलाके में जो लोग फंसे, वे जीवित तो रहे, लेकिन भूख प्यास से बेहाल.

महोबा में तैनात आबकारी इंस्पेक्टर सरोज कुमार त्रिपाठी अपनी पत्नी, तीन लड़कियों व दो लड़कों के साथ इनोवा से केदारनाथ गए थे. कहां हैं कोई पता नहीं चल रहा है. फर्रुखाबाद के लगभग एक दर्जन लोग आपदा के बाद से लापता हैं. नर्सिग होम मालिक प्रयाग नरायन गुप्ता का थर्सडे तक पता नहीं चला.

फतेहगढ़ के दिनेश कुमार दुबे और उनकी फैमिली का अब तक कोई पता नहीं चल सका है. कानपुर देहात के भुगनियापुर गांव के रूपराम मिश्रा, पत्‌नी करुणा, बेटी सलोनी और बेटा ओमजी का पता नहीं है.

हरदोई की राम चहेती, बहन प्रमोदिनी व मीनाक्षी, भाई रमारमन अपने रामाधार, उमा मिश्रा, रामनवल पांडेय, मालती देवी, रूमा पांडेय और शुभा पांडेय, राम नरायन शर्मा, आशा, अन्नू, संजय, सूरज व उनकी पत्नी और तीन बच्चे लखनऊ से चार धाम यात्रा पर आठ जून को गए थे. सभी का कोई पता नहीं चल सका है.  

हमीरपुर से 20 लोगों का एक जत्था वहां पर आई भीषण बाढ़ में लापता हो गया है. उत्ताराखंड में प्रतापगढ़ के 700 श्रद्धालु फंसे हुए हैं. विवेक नगर के अनिल मिश्रा, शिवपुरी के शिव प्रसाद त्रिपाठी सहित दर्जनों लोग सड़क बह जाने से अभी तक घर नहीं लौट सके. सोनभद्र जनपद के 40 यात्रियों का जत्था बद्रीनाथ धाम के रास्ते में फंसा है.

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