- बैठकों में खाना बरबाद न हो इसलिए सरकार ने उठाया यह कदम

-छोटी बोतलों में पानी पर भी रोक

PATNA: बिहार सरकार ने खाने के सामानों की बरबादी रोकने के लिए सरकारी बैठकों में जंक फूड और छोटी बोतलों में बंद पानी का यूज अब नहीं करने का निर्णय लिया है। जंक फूड की बजाय मिनिस्टर और अफसरों को फल, भूंजा और मिठाई परोसी जाएगी। गुरुवार को मुख्यसचिव दीपक कुमार ने बोतल बंद पानी और जंक फूड के प्रयोग को लेकर अफसरों के साथ बैठक की। जिसमें उन्होंने पूर्व में जारी एडवायजरी का हवाला देकर कहा कि बोतल बंद पानी या नाश्ते में जंक फूड के प्रयोग पर रोक लगाई जानी चाहिए। बावजूद आदेश का ठीक से पालन नहीं हो रहा है।

ग्लास में दिया जाए पानी

मुख्यसचिव ने कहा कि जंक फूड पर रोक लगाने का मकसद खाने की बरबादी पर रोक लगाना है। अमूमन मंत्री अथवा अधिकारी समोसा, लिट्टी या फिर पैटीज आदि खाने से परहेज करते हैं। जबकि बैठकों के दौरान नाश्ते में यही परोसा जाता है। जिससे खाने की बरबादी होती है। इसलिए आवश्यक है कि भविष्य में जो भी बैठक हो उसमें जंक फूड के स्थान पर मंत्रियों-अधिकारियों को नाश्ते में भूंजा, ताजे फल और मिठाई के साथ बिस्कुट आदि दिए जाएं। बोतल बंद पानी के विकल्प की चर्चा करते हुए मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पानी की बड़ी बोतल की खरीद हो और उसे ग्लास में दिया जाए। मुख्यसचिव ने निर्देश दिए कि इस आदेश का पालन किया जाए ताकि खाने-पीने की चीजें बरबाद होने से बचाई जा सकें। बैठक में मुख्यसचिव के साथ ही दूसरे कई विभागों के पदाधिकारी मौजूद रहे।