- राजेश के फिंगर प्रिंट का होगा मिलान, डॉक्टर्स करेंगे लिंग परीक्षण

- परीक्षण व जांच आदि के लिए रेलवे प्रशासन ने वापस करेगा फाइल

GORAKHPUR: इज्जतनगर स्थित कारखाना में तैनात राजेश के जेंडर चेंज मामले में नया मोड़ आ गया है। दावा करने के बाद भी रेलवे प्रशासन राजेश को सोनिया मानने को तैयार नहीं है। रेलवे का कहना है कि पहले यह तय किया जाए कि वास्तव में राजेश ही सोनिया है या कोई और। उसका जेंडर क्या है? फिर इसके बाद नियमानुसार आगे की प्रॉसेस शुरू की जाएगी। फिलहाल कार्मिक विभाग परीक्षण और जांच के लिए राजेश की फाइल को इज्जतनगर कारखाना प्रबंधन को वापस भेजने की तैयारी कर रहा है। प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

टेस्ट के बाद होगा तय

सूत्रों के अनुसार परीक्षण के तहत राजेश के फिंगर प्रिंट से मिलान किया जाएगा। इसके बाद रेलवे के डॉक्टर्स उसका जेंडर टेस्ट करेंगे। परीक्षण के बाद ही यह तय होगा कि राजेश पुरुष है या महिला या थर्ड जेंडर। हालांकि, राजेश ने दावा किया है कि जेंडर चेंज कराकर वह पुरुष से महिला बन गया है। लेकिन रेलवे प्रशासन को राजेश के दावे पर विश्वास नहीं हो रहा। ऐसे में परीक्षण के बाद ही आगे की कोई कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह का कहना है कि मेडिकल परीक्षण के लिए राजेश की फाइल वापस इज्जतनगर भेजी जाएगी।

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मामले में फर्जीवाड़ा की भी आशंका

विभागीय सूत्रों के अनुसार इस मामले में फर्जीवाड़ा की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। अपने आप को सोनिया के रूप में महिला प्रस्तुत करने वाला राजेश पता नहीं वास्तव में राजेश ही है या कोई और। लिंग परिवर्तन के नाम पर राजेश की जगह कोई महिला ाी प्रस्तुत हो सकती है। यह फिंगर प्रिंट से ही साबित हो सकता है। राजेश ने लिंग परिवर्तन का दावा तो किया गया है, लेकिन परीक्षण के बाद ही साफ हो पाएगा कि वर्तमान में उसका लिंग क्या है। पूरी जांच और परीक्षण के बाद ही रेलवे प्रशासन कोई निर्णय लेगा।

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यह है मामला

राजेश कुमार पांडेय 19 फरवरी 2003 से अनुकंपा के आधार पर पुरुष अ यर्थी के रूप में इज्जतनगर मंडल स्थित कारखाना में तकनीकी ग्रेड वन के पद पर तैनात है। मुख्य कारखाना प्रबंधक को आवेदन पत्र देकर उन्होंने दावा किया है कि 2017 में वह लिंग परिवर्तन कराकर पुरुष से महिला बन गए हैं। उन्होंने अपना नाम भी अधिकृत रूप से सोनिया पांडेय रख लिया है। रेलवे उनके सर्विस बुक में सोनिया दर्ज कर उसे नए नाम से ही जाने। राजेश का आवेदन देख कारखाना प्रबंधन के भी हाथ-पैर फूल गए। प्रबंधन ने 19 मार्च 2019 को इस मामले में निर्णय लेने के लिए मुख्यालय गोरखपुर स्थित कार्मिक विभाग को लेटर लिखा है।

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चार बहनों का भाई था राजेश!

राजेश के अनुसार उसकी चार बहनें हैं। वह सबसे छोटा है। लेकिन स्त्रियोचित गुण के चलते वह लिंग परिवर्तन कराकर पुरुष से महिला बन गया है। जानकारी होने पर परिजनों ने इसका विरोध किया लेकिन धीरे-धीरे मामला शांत हो गया है। परिवार में अब स्थिति सबकुछ सामान्य है।