वर्ल्ड स्पाइन डे स्पेशल
-बार-बार झटके लगने से रीढ़ की हड्डी में होने लगता है दर्द
<वर्ल्ड स्पाइन डे स्पेशल
-बार-बार झटके लगने से रीढ़ की हड्डी में होने लगता है दर्द
PRAYAGRAJ: PRAYAGRAJ: बाइक से हवा में बात करने वाले युवाओं को सड़कों के गड्ढे बीमार बना रहे हैं। इन गड्ढों से बार-बार झटके लगने से रीढ़ की हड्डियों में चोट लगती है। इससे कम उम्र में ही युवा स्पाइनल रोग से पीडि़त हो रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसे मामले पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में माता-पिता को बच्चों की एक्टिविटीज पर ध्यान देने के साथ शुरुआती लक्षणों के आधार पर बिना देरी किए डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।
ब्0 से कम एज के सर्वाधिक मरीज
बैक पेन से परेशान अधिकतर मरीजों का एजग्रुप ख्0 से ब्0 एज का है। यह वह मरीज हैं जिनकी रीढ़ की हड्डी की डिस्क बार-बार लगने वाले झटकों से खिसक जाती है और बाद में नसों पर प्रेशर पड़ने लगता है। ऐसा होने से मरीज भयंकर दर्द से परेशान हो जाता है। डॉक्टर्स बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में ऐसे मामलों में अधिक इजाफा हुआ है। ब्0 से अधिक उम्र के मरीज भी आते हैं लेकिन उनको दूसरे कारणों से स्पाइन में प्रॉब्लम होती है।
यह हैं स्पाइनल पेन के कारण
-तेज स्पीड में सड़कों पर बाइक चलाना।
-गलत पॉश्चर में पढ़ाई करना और कम्प्यूटर चलाना।
-रोजमर्रा की दिनचर्या में बेहतर डाइट नहीं लेना।
-फिजिकल एक्टिविटी में इनवॉल्व नहीं होना।
-मेंटली फिटनेस को लेकर होशियार नही रहना।
वर्जन
अगर स्पाइन में पेन हो रहा है तो घबराने की जरूरत नहीं है। डॉक्टरों की सलाह लेनी चाहिए। खराब सड़कें इसकी सबसे बड़ी वजह हैं। इस वजह से बाइक की रफ्तार पर ध्यान दिए जाने की जरूरत।
-डॉ। आरपी पांडेय, न्यूरो सर्जन
फिजिकल एक्टिविटी बेहद जरूरी है। बाइक चलाने के बजाए पैदल चलने की आदत डालें। बैठते समय हमेशा सही पॉश्चर का इस्तेमाल करना चाहिए।
-डॉ। प्रकाश खेतान, न्यूरो सर्जन