नई दिल्ली (एएनआई)। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध-प्रदर्शन पिछले साल नवंबर से देश की राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में जारी है। इससे आम जनजीवन बेहाल है। ऐसे में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने केंद्र सरकार, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सरकारों और अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी कर किसानों के विरोध की रिपोर्ट मांगी है। एनएचआरसी ने कहा कि उसे किसानों के प्रदर्शन को लेकर कई शिकायतें मिली हैं। एनएचआरसी ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि औद्योगिक इकाइयों पर प्रतिकूल प्रभाव, 9000 से अधिक सूक्ष्म, मध्यम और बड़ी कंपनियों को गंभीर रूप से प्रभावित करने के आरोप हैं। कथित तौर पर, परिवहन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिससे यात्रियों, रोगियों, शारीरिक रूप से विकलांग लोगों और वरिष्ठ नागरिकों को सड़कों पर भारी भीड़ के कारण नुकसान उठाना पड़ता है।

सीमाओं पर बैरिकेड्स लगा दिए जाने लोग परेशान होते हैं

ऐसी खबरें भी हैं कि किसानों के आंदोलन के कारण लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है और सीमाओं पर बैरिकेड्स लगा दिए जाते हैं। ऐसे में शिकायतों को ध्यान में रखते हुए आयोग ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के मुख्य सचिवों, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार, पुलिस महानिदेशकों, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पुलिस आयुक्त, दिल्ली को नोटिस जारी कर उनसे इस दिशा में संबंधित कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आह्वान किया।

किसानों द्वारा कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया

वहीं यह भी आरोप है कि विरोध स्थल पर आंदोलनकारी किसानों द्वारा कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया है और मार्ग की नाकाबंदी के कारण निवासियों को अपने घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी जा रही है। आयोग राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार को विभिन्न पहलुओं पर किसानों के आंदोलन के प्रतिकूल प्रभाव और विरोध स्थलों पर कोविड प्रोटोकॉल के पालन के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।

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