नई दिल्ली (एएनआई)। दिल्ली के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में चारों दोषी अपने बचने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। एक दोषी पवन कुमार ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया है कि 2012 में जब अपराध हुआ तब वह नाबालिग था। उसे किशोर न्याय अधिनियम के तहत ट्रीट किया जाना चाहिए। उसकी याचिका पर आज गुरुवार को सुनवाई होनी थी लेकिन कोर्ट ने उसकी याचिका 24 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी है।


सुप्रीम काेर्ट ने अक्षय की याचिका खारिज की

वहीं कल बुधवार को सु्रपीम कोर्ट में जस्टिस आर बनुमथी, अशोक भूषण और एसए बोपन्ना की बेंच ने एक दोषी अक्षय कुमार सिंह की याचिका खारिज कर दी थी। दोषी अक्षय ने उसकी फांसी की सजा को बरकरार रखने के शीर्ष अदालत के 2017 के फैसले की समीक्षा की मांग की थी। इसके बाद दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने भी फैसला सुनाया कि कि दया याचिका खारिज होने के बाद ही डेथ वारंट जारी होगा। पटियाला कोर्ट में इस पर 7 जनवरी को सुनवाई की जाएगी।

सुप्रीम काेर्ट ने अक्षय की याचिका खारिज की
वहीं कल बुधवार को सु्रपीम कोर्ट में जस्टिस आर बनुमथी, अशोक भूषण और एसए बोपन्ना की बेंच ने एक दोषी अक्षय कुमार सिंह की याचिका खारिज कर दी थी। दोषी अक्षय ने उसकी फांसी की सजा को बरकरार रखने के शीर्ष अदालत के 2017 के फैसले की समीक्षा की मांग की थी। इसके बाद दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने भी फैसला सुनाया कि कि दया याचिका खारिज होने के बाद ही डेथ वारंट जारी होगा। पटियाला कोर्ट में इस पर 7 जनवरी को सुनवाई की जाएगी।

दया याचिका के लिए सात दिन का समय
हालांकि इसके बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने 2012 के दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले में सभी चार दोषियों को नोटिस जारी किया है जिसमें कहा गया है कि दया याचिका दायर करने के लिए उनके पास केवल सात दिन का समय है। बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 की रात को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ 6 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म करने के साथ ही उस पर नृशंस हमला किया था और उसे चलती बस से बाहर फेंक दिया था।

एक दोषी ने जेल में ही लगा ली थी फांसी
पीड़िता की 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में माैत हो गई थी। इस मामले में छह लाेग दोषी थे। इसमें चार दोषी चारों दोषियों के मुकेश, अक्षय, पवन और विनय फांसी की सजा से बचने का प्रयास कर रहे हैं। चार दोषियों के अलावा एक दोषी राम सिंह ने कथित ताैर पर तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। वहीं अन्य आरोपी किशोर को किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया था।वह तीन साल तक सुधार गृह में रहने के बाद रिहा हो गया था।

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