- ट्री गार्ड के अभाव में निकल रहा दम, दो दिन में सूखी हरियाली

- संबंधित विभागों की जिम्मेदारी, खुद करें सुरक्षा, दें नियमित खाद-पानी

GORAKHPUR: शहर में हर साल बारिश के सीजन में पौधे लगाए जाते हैं। हरियाली बढ़ाने की कोशिश में बढ़चढ़कर अभियान चलता है। फिर भी हरियाली का संकट बना हुआ है। भारत छोड़ो आंदोलन की 77वीं वर्षगांठ पर शुक्रवार को पौधरोपण के महाकुंभ में तमाम सरकारी विभगा शामिल हुए। पौधरोपण का रिकॉर्ड बनाकर अधिकारी अपनी जिम्मेदारी भूल गए। दो दिन के भीतर ही करीब 10 फीसदी पौधे बर्बादी की भेंट चढ़ गए। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में सामने आया कि हर साल पौधरोपण कराया जाता है लेकिन संबंधित विभागों की लापरवाही से चंद दिनों में हरियाली बर्बादी की भेंट चढ़ जाती है। डीएफओ का कहना है कि जिन विभागों ने पौधरोपण कराया है। उनकी देखभाल और सुरक्षा की जिम्मेदारी उन्हीं विभागों की है। ट्री गार्ड के लिए भी बजट जारी हो चुके हैं।

कहीं पशु चर गए पौधे तो कहीं वाहनों ने रौंदे

पौधरोपण के महाकुंभ में शामिल सरकारी विभागों की उदासीनता से दो दिन में हरियाली सूखने लगी है। देखभाल के अभाव में सड़कों के किनारे लगे पौधे जल्द ही खत्म हो जाएंगे। शुक्रवार को हुए आयोजन में विभिन्न विभागों की तरफ से आनन-फानन में पौधे तो लगा दिए गए। लेकिन उनकी सुरक्षा और देखभाल का समुचित प्रबंध नहीं किया गया। हालत यह है कि कहीं पर ट्री-गार्ड के अभाव में कहीं पौधों को पशु चर रहे तो कहीं वाहनों के चक्के तले पौधे रौंदे जा रहे हैं। पब्लिक भी पौधों की अनदेखी कर रही जिससे आलम यह है कि दो दिन के भीतर ही करीब 10 फीसदी पौधे बर्बाद हो गए। बचे हुए पौधों की सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हुआ है। वन विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि पौधरोपण प्रोग्राम में विभिन्न विभागों की सहभागिता रही है, जिन विभागों की तरफ से जहां पर भी पौधे रोपे गए वहां पर उनकी देखभाल और सुरक्षा की जिम्मेदारी संबंधित विभाग की बनती है। लेकिन पौधे लगाने का कोरम पूर्ति के बाद कोई इसको लेकर गंभीरता नहीं दिखाता।

किसने लगवाए पौधे, जान पाना नहीं आसान

जिले के भीतर पौधरोपण महाकुंभ में 45 लाख 44 हजार पौधे लगाए गए थे। इस महाकुंभ में यूपी गवर्नमेंट के हर डिपार्टमेंट सहित कई प्राइवेट संस्थाओं ने बढ़चढ़कर हिस्सेदारी निभाई। करीब एक माह पूर्व से चल रही तैयारी को अमलीजामा पहनाते हुए शुक्रवार को दिनभर पौधरोपण अभियान चला। महाकुंभ के दूसरे दिन भी कुछ जगहों पर पौधे रोपे गए। लेकिन किस विभाग ने कहां पर कितने पौधे लगाए इस संबंध में कागजों में जानकारी उपलब्ध कराई गई। कहां पर किस विभाग की तरफ से पौधे लगे हैं राह चलते यह जान पाना काफी मुश्किल है। यदि पौधों के साथ ट्री गार्ड लगे होते तो उस पर संबंधित विभाग का नाम-पता अंकित होता। हालत यह है कि जब तक ट्री गार्ड लगाने की प्रक्रिया पूरी होगी तब आधे से अधिक पौधे खत्म हो चुके होंगे।

सीन 1

रेलवे स्टेशन रोड

रेलवे स्टेशन रोड पर खाली पड़ी जगहों पर पौधरोपण कराया गया। पिच सड़क को खोदकर उनमें पौधे रोप दिए गए। आसपास के दुकानदारों को भी यह पता नहीं चल सका कि किसने पौधे लगवाए हैं। जिम्मेदारों ने सड़क खोदी और पौधा लगाकर चले गए। ट्री गार्ड के अभाव में पौधों को गाय-बकरी चर रहे तो कहीं पर उनको वाहन कुचल दे रहे हैं। इससे ज्यादातर पौधे दो दिन में गायब हो गए। बचे-खुचे पौधे कितने दिनों तक नजर आएंगे यह जान पाना मुश्किल है।

सीन 2

यूनिवर्सिटी पोस्ट ऑफिस के सामने

यहां सड़क के दोनों ओर पौधे लगाए गए थे। शुक्रवार को जिन पौधों को रोपा गया उनके लिए ट्री गार्ड नहीं लगाए गए। बल्कि पहले से लगे पेड़ों में ट्री गार्ड नजर आते हैं। यूनिवर्सिटी पोस्ट ऑफिस के सामने सड़क किनारे ज्यादातर पौधे दम तोड़ चुके हैं। जो बचे हुए हैं वह कितनी देर तक हरे-भरे रहेंगे, इसके बारे में कोई नहीं बता पा रहा। रोड के किनारे रिक्शा खड़ा करके आराम कर रहे चालकों ने कहा कि बाबू सरकारी पैसा है जितना चाहिए अधिकारी लोग बर्बाद करें।

सीन 3

डीएम आवास रोड

यहां सड़क किनारे रोपे गए पौधों की पत्तियां गायब हो चुकी हैं। पौधों के डंठल जहां-तहां खड़े नजर आ जाएंगे। डीएम आवास के सामने लगे पौधों के लिए जहां सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। वहीं अन्य जगहों पर पौधे लावारिस हाल नजर आ रहे। दो दिन पूर्व लगे पौधों की पत्तियों को पशुओं ने निवाला बना लिया है।

फैक्ट फिगर

आठ घंटे में कुल 45 लाख 44 हजार 310 पौधे लगाए गए।

सांसद, विधायक, अधिकारियों ने अहम भूमिका निभाई

पौधरोपण के लिए मुफ्त में भी पौधे उपलब्ध कराए गए

गोरखपुर में पौधरोपण महाकुंभ की शुरूआत सर्किट हाउस रोड पर हुई

विभिन्न विभागों में एचओडी की तरफ से पौधरोपण कराया गया।

जिला उद्यान विभाग की तरफ से करीब ढाई लाख पौधे लगाए गए।

पौधरोपण के लिए 191 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 19 जोनल मजिस्ट्रेट की तैनाती

वन विभाग ने 10 लाख 44 हजार पौधे लगाए। अन्य विभागों ने 35 लाख

क्या हो रही लापरवाही

पौधे लगाकर उनको लावारिस हाल छोड़ दिया गया।

पौधों की सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड नहीं लगाए गए हैं।

ट्री गार्ड के अभाव में पौधों को पशु चर जा रहे हैं।

पब्लिक के वाहन भी पौधों को रौंद दे रहे हैं।

सूखने वाले पौधों की देखभाल की व्यवस्था नहीं है।

इन प्रजातियों के पौधे लगे

बकैन, सेमल, शीशम, सागौन, यूकिलिप्टस, अमरूद, आम, अर्जुन, सहजन, लीची, कटहल, श्रीफल, नीम, पीपल, आंवला, महुआ सहित अन्य प्रजातियां।

वर्जन

जिन विभागों की तरफ से जहां पर भी पौधे लगाए गए हैं। उनकी देखभाल की जिम्मेदारी उन्हीं विभागों की है। पौधों की सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड जरूरी हैं। इसके लिए भी बजट जारी हो चुका है। पौधे लगाने वाली संस्थाओं, विभागों या एजेंसियों को ही ट्री गार्ड का इंतजाम करना होगा। सड़क, कॉलोनी और आबादी वाली जगहों पर पौधों के जीवन पर कई संकट रहते हैं। आसपास की पब्लिक को भी पौधों की सुरक्षा और देखभाल में सहयोग करना चाहिए।

- अविनाश कुमार, डीएफओ