बरेली (ब्यूरो)। वन विभाग शहर में हरियाली को वापस लाने का प्रयास कर रहा है। जिले भर में जगह-जगह पौधे लगाने की तैयारी में लगा हुआ है। इसके लिए उत्तर प्रदेश शासन की ओर से 35 करोड़ अभियान के अंतर्गत पूरे जनपद में 42 लाख 72 हजार 980 पौधे लगाए जाएंगे। पौधरोपण के लिए शासन की ओर 27 विभागों को लक्ष्य दिया गया है।

28 नर्सरीज में हो रहे तैयार
वन विभाग की ओर से 28 नर्सरीज में कुल 62 लाख पौधे तैयार किए जा रहे हैैं। इनमें 39 लाख नए पौधे हैैं और पुरानी पौध 23 लाख हैं। अधिकारियों के अनुसार इस बार शासन का पूरा जोर फू लदार, फलदार और औषधीय पौधों को लगाने का है, जिसका लाभ लोगों को भविष्य में मिल सकें।

किया जाएगा आवंटन
वन विभाग की ओर से सभी विभागों को उनकी जरूरत के हिसाब से पौधे आवंटित किए जाएंगे। इनमें कई तरह के पौधे हैैं, जैसे कि शीशम, अमरूद, साल, सागौन, आम, इमली, कुसुम, जामुन, गूलर, पीपल, बरगद, सेमल, पाकड़, नीम, कैथ आदि शामिल किए जाएंगे।

कायम रहेगी विरासत
शासन की ओर से 11 जिलों में विरासत वाटिका बनाने का निर्देश दिया है। इसके लिए वन विभाग ने पहले ही जगह चिह्नित कर ली है। जिले में पाकड़, पीपल व बरगद के 30 से ज्यादा विरासत वृक्ष वन विभाग ने चिह्नित किए हैं। वृक्षों की विभिन्न प्रजातियों को पूरे जनपद में बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। अलग-अलग जिलों में विरासत वृक्षों के बीज या पौधे भेजे जाएंगे।

तीन महीने चलेगा अभियान
आईएफएस दीक्षा भंडारी ने बताया कि पौधरोपण का अभियान पूरे तीन महीने चलाया जाएगा। जुलाई में पौधरोपण का कार्यक्रम स्टार्ट होगा और सितंबर तक चलेगा। इस दौरान तरह-तरह के पौधे लगाए जाएंगे। वहीं पौधों के अच्छे से फलने की भी तैयारी की जाएगी। वन विभाग ने पौधे रोपने के लिए अब तक 84 साइट्स निर्धारित कर ली हैैं।

सुधरेगी एयर क्वालिटी
अधिकारियों का कहना है कि पौधे लगाने से न सिर्फ हमारे आसपास का वातारण शुद्ध रहेता है, बल्कि हमारे आस-पास पॉजिटीविटी भी रहती है। हमें शुद्ध हवा भी मिलती है, इसलिए हमें ऐसे प्लांट्स अपने घरों में भी लगाने चाहिए, जिससे स्वास्थ्य ठीक रहे।

जुलाई माह में होने वाले वन महोत्सव के लिए लक्ष्य का आवंटन हो चुका है। इसके आधार पर पूरा प्लान तैयार किया जा रहा है। भूमि का चिह्नीकरण भी किया जा रहा है। इस के आधार पर ही पौध तैयार करवाई जा रही है। इस साल अलग-अलग प्रजातियों के पौधे लगाने पर भी जोर दिया जा रहा है।
दीक्षा भंडारी, प्रभागीय वनाधिकारी