नई दिल्ली (एएनआई)। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने 19 सितंबर से शुरू होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग के यूएई चरण के लिए काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग बैंड को हटाने का फैसला किया है। भारतीय बोर्ड ने फैसला किया है कि यदि कोई खिलाड़ी यूएई में कोविड-19 के लिए सकारात्मक परीक्षण करता है तो बबल इंटीग्रिटी ऑफिसर आवश्यक संपर्क ट्रेसिंग करेंगे। एएनआई से बात करते हुए, घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि यह इस बात पर विचार करने के लिए लिया गया था कि कैसे ब्लूटूथ डिवाइस में लगातार जानकारी फीड करना कई बार बोझिल हो सकता है। साथ ही, इस साल की शुरुआत में लीग के इंडिया लेग के दौरान डिवाइस के ठीक से काम नहीं करने के कुछ मामले सामने आए थे।

काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग बैंड में हो जाती है चूक
सूत्र ने आगे बताया, "बीसीसीआई ने काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग बैंड पहनने के विचार को दूर करने का फैसला किया है क्योंकि न केवल कभी-कभी एक टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ियों के लिए जानकारी खिलाना मुश्किल होता है, बल्कि हमारे पास इस साल की शुरुआत में कुछ उदाहरण थे जब डिवाइस 'खिलाड़ियों की हरकत को नहीं पकड़ पाया था जबकि उन्होंने एक निश्चित स्थान छोड़ दिया था।' इस बारे में सहायक कर्मचारियों को बहुत बाद में पता चला।' परिणामस्वरूप, यह निर्णय लिया गया है कि टीमों के साथ मौजूद बबल इंटेग्रिटी अधिकारी ट्रेसिंग पर नजर रखेंगे और टूर्नामेंट के दौरान कोई मामला सामने आने पर उसके अनुसार कार्य करेंगे।'

बीसीसीआई ने बनाए ये नियम
बायो-बबल में प्रवेश करने में सक्षम होने से पहले सभी फ्रेंचाइजी को छह दिनों के लिए क्वारंटाइन करना होगा। बोर्ड ने 14 बायो-बबल लगाने का फैसला किया है और इनमें से आठ फ्रेंचाइजी के होंगे। सभी फ्रेंचाइजी टीम के सदस्यों को बबल में प्रवेश करने से पहले पूरे 6 दिनों के लिए अपने होटल के कमरे में क्वारंटीन पूरा करना होगा।बोर्ड ने सख्त निर्देश भी दिए हैं कि बबल में सभी को निश्चित वाहनों से ही यात्रा करनी चाहिए और सभी को इस दिशानिर्देश का पूरी तरह से पालन करने के लिए कहा गया है। पिछले साल की तरह ही, BCCI ने बबल-टू-बबल ट्रांसफर को हरी झंडी दे दी है, इसलिए कैरेबियन प्रीमियर लीग (CPL) से आने वाले खिलाड़ी सीधे आईपीएल बुलबुले में प्रवेश कर सकेंगे।

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