- डस्टबिन न होने से सिटी के पॉश एरियाज में सड़कों व प्लॉट्स में फेंका जा रहा कूड़ा, लगा रहता गंदगी का अंबार

GORAKHPUR: नगर निगम जहां शहर को साफ सुथरा रखने के दावे तो खूब करता है लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां करती नजर आ रही है। जिम्मेदारों की उदासीनता का आलम ये कि पॉश एरियाज तक में डस्टबिन लापता हो गए हैं। जिसका नतीजा ये कि इन कॉलोनीज में भी सड़क और खाली पड़े प्लॉटों में ही कूड़ा फेंका जा रहा है। इसके चलते हर तरफ गंदगी का अंबार लगा रहता है। लोगों का कहना है कि कई साल पहले कूड़ेदान रखा गया था लेकिन समय के साथ हटा दिया गया। जिसकी वजह से मजबूरी में घर से निकलने वाले कूड़े को बाहर ही फेंकना पड़ता है।

पब्लिक लगाती गुहार, सो रहे जिम्मेदार

सिटी के पॉश एरियाज में शुमार रुस्तमपुर नहर रोड में कई बड़े हॉस्पिटल के अलावा बिजनेसमैन और डॉक्टर्स के आवास हैं। लेकिन एरिया की सफाई व्यवस्था की बात की जाए तो जहां-तहां कूड़े का अंबार लगा हुआ है। लोगों का कहना है कि डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का दावा करने वाला नगर निगम पूरी तरह से फेल है। घरों से निकलने वाला कूड़ा उठाने के लिए कोई भी नहीं आता है। इसके लिए कई बार नगर आयुक्त को लेटर लिखे गए फिर भी नगर निगम प्रशासन की नींद नहीं खुली।

दस साल पहले रखा गया था डस्टबिन

लोगों का कहना है कि एरिया में दस साल पहले एक प्राइवेट हॉस्पिटल के बगल में दो कूड़ेदान रखे गए थे। जिसमें इलाके का कूड़ा डाला जाता था लेकिन अचानक वह गायब हो गए। जिसकी वजह से लोग सड़क से सटे नाले के बगल में कूड़ा फेंकते हैं। कूड़ा उठवाने के लिए एरिया के पार्षद और अफसरों से शिकायत भी की जाती है फिर भी इसके निदान के लिए कोई भी सामने नहीं आता।

पब्लिक ने बताई समस्या

रेडियो सिटी से आरजे प्रीति, प्रतीक, प्रभात और रक्षा के साथ दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम शुक्रवार को रुस्तमपुर नहर रोड एरिया में सफाई व्यवस्था का सच जानने पहुंची। नजारा हैरान करने वाला था। सड़कों के किनारे कूड़ा फैला हुआ था। आरजे प्रीति ने एरिया के राधा रमण शुक्ला और डॉ। आरके मौर्या से बातचीत की तो उन लोगों का कहना था कि एरिया में कई साल से डस्टबिन नहीं है। पब्लिक बाहर सड़क पर कूड़ा डालने को मजबूर है।

कोट्स

कूड़ा फेंकने के लिए नगर निगम की तरफ से डस्टबिन रखा गया था लेकिन उसे हटा दिया गया। दो माह से कूड़े का अंबार लगा हुआ है मगर उसे उठाने के लिए किसी ने जहमत नहीं उठाई। जबकि चुनाव के दौरान तमाम दावे किए जाते हैं।

- राधा रमण शुक्ला

यह स्थिति पिछले दस साल से है। कूड़ादान के लिए नगर आयुक्त को दस बार लेटर लिखा जा चुका है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पब्लिक की मजबूरी है कि कूड़ा कहां फेंकें। इसलिए वह सड़क पर ही घर से निकलने वाले कूड़े को डाल देते हैं। जिससे संक्रामक रोग का खतरा बना रहता है।

डॉ। आरके मौर्या

लोगों को सड़क पर कूड़ा न फेंकने के लिए अवेयर किया जाता है और इससे होने वाली बीमारियों के बारे में भी बताया जाता है फिर भी जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। जो कूड़दान रखे गए थे वह काफी समय से गायब हैं।

अर्चना यादव

एरिया में फैली गंदगी की वजह से संक्रामक रोगों का खतरा बना रहता है। नगर निगम प्रशासन से इस बारे में शिकायत करने के बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी होती है।

सुमित गुप्ता

नगर निगम डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का दावा करता है। मगर यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी है। एरिया में एक भी सफाई कर्मचारी नहीं दिखाए देते हैं। कंप्लेन पर सफाई तो होती है लेकिन इसके बाद सफाई कर्मी गायब हो जाते है। कूड़ेदान होता तो लोगों को सड़क पर कूड़ा नहीं फेंकना पड़ता।

- आकांक्षा पांडेय

सिटी में लगाए गए थे डस्टबिन

स्टैंड वाले डस्टबिन - क्000

बड़ा कूडे़दान - 80

छोटा कूड़ेदान - ख्ख्भ्

सफाई कार्य के लिए उपलब्ध संसाधन

ट्रैक्टर-ट्राली - ब्क्

जेसीबी - 7

लोडर - भ्

ट्रिपर ट्रक स्वराज - क्ख्

रोड स्वीपर छोटा - क्

रोड स्वीपर बड़ा - क्

डंपर प्लेसर गड़ी - 7

टाटा ऐश डंपर प्लेसर - क्क्

पोकलैंन मशीन छोटा - 8

पोकलैंन मशीन बड़ा - फ्

टाटा ऐश - क्फ्7

ट्रक बड़ी पोकलैन ले जाने के लिए - क्

कंपैक्टर - क्

जेटिंग मशीन - क्