जिला प्रशासन दाखिल करेगा याचिका

बीते मंगलवार को इस्लामाबाद पुलिस ने लखवी को अपहरण के एक अन्य मामले में रिहा होने से पहले ही हिरासत में ले लिया था. लखवी के वकील ने कल बताया कि लखवी ने खुद को फर्जी मामले में फंसाए जाने और मनगढ़ंत प्राथमिकी के खिलाफ जिला एवं सत्र अदालत में आवेदन दायर किया है. उन्होंने कहा कि पाक सरकार ने यह सब भारत के दबाव में किया है. वहीं अब पाक सरकार का कहना है कि वह लखवी की सशर्त जमानत को चुनौती देने की तैयारी में है. जिला प्रशासन की ओर से एक याचिका इस संदर्भ में इस्लामाबाद सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल की जायेगी, जिसमें कहा जायेगा कि प्रशासन की ओर की गई जिरह कोर्ट में नहीं सुनी गई. गौरतलब है कि लखवी उन सात लोगों में शामिल है, जिनपर आरोप है कि उन्होंने 26/11 मुंबई हमलों को अंजाम देने की साजिश रची तथा इसके लिए आतंकवादियों की मदद की.

दो दिनों की हिरासत में रहा

गौरतलब है कि बीते सोमवार को लखवी के रिहा होने की खबरें आने लगी थी. हालांकि इसके बाद ही इस्लामाबाद के एक थाने में एफआईआर दर्ज कराकर अनवर ने कहा कि 6 साल पहले लखवी ने उसका अपहरण किया था. इसके बाद मंगलवार को लखवी को रिहा होने से ठीक पहले अफगान व्यक्ति के अपहरण के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था. पुलिस को न्यायिक मजिस्ट्रेट से लखवी की दो दिनों की हिरासत मिली थी. बीते 18 दिसंबर को 54 साल के लखवी को मुंबई हमले के मामले में जमानत मिल गई थी, लेकिन बाद में उसे लोक व्यवस्था बनाए रखने संबंधी आदेश (एमपीओ) के तहत हिरासत में ले लिया गया था. इसके बाद उसने इस्लामाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां से उसे राहत मिल गई. लखवी को मिल रही जमानत के मामले में भारत ने पाक सरकार से कड़ा विरोध जताया था.

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