मॉक ड्रिल के लिए हुआ था इस्तेमाल
नागरिक उड्डन मंत्री अशोक गजपति ने बताया कि मोदी के अमेरिका पहुंच जाने के बाद यह विमान नेशनल सिक्युरिटी गार्ड्स (एनएसजी) द्वारा मॉक ड्रिल के लिए इस्तेमाल हुआ था. इस दौरान, मुमकिन है कि उन्होंने यह ग्रेनेड प्लेन में छोड़ दिया हो. मंत्री के इस बयान से एयर इंडिया का वह दावा खारिज हो गया, जिसके मुताबिक, प्लेन में प्लास्टिक पेपर मिला था.

'ग्रेनेड में नहीं था विस्फोटक'
अशोक गजपति ने बताय कि विमान के बिजनेस क्लास में स्टन ग्रेनेड मिला है जिसमें विस्फोटक नहीं था. मंत्री ने यह भी कहा कि उससे किसी की जान को खतरा नहीं था. उन्होंने बताया कि हथगोले पर बीएसएफ का चिह्न है.

संयुक्त टीम को लगाया गया जांच में  
मामले में मंत्री के दखल के बाद एयर इंडिया ने जांच के लिए संयुक्त प्रबंध निदेशक और विमानन सुरक्षा आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है. एयरलाइंस और नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो की एक संयुक्त टीम को जांच और जवाबदेही तय करने के लिए तत्काल मुंबई भेजा गया है.

एक नजर पूरे मामले पर
मोदी के गुरुवार रात भारत पहुंचते ही इस प्लेन को कमर्शियल इस्तेमाल के तहत दिल्ली-मुंबई-हैदराबाद-जेद्दा के रूट पर भेज दिया गया था. लैंडिंग से ठीक पहले बिजनेस क्लास की सीट से लुढ़ककर प्लास्टिक से लिपटा एक बॉक्स आया. केबिन क्रू ने इसे देखा और पायलट को सूचित किया. पायलट ने एटीसी को खबर की. पायलटों को विमान को दूर बे पर ले जाने को कहा गया जहां सुरक्षा जांच में पाया गया कि ग्रेनेड में विस्फोटक नहीं था.

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