कपड़े व कंबल इकट्ठा कर गरीबों का तन ढकने में जुटे श्रीराम लीला कमेटी के युवा

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PRATAPGARH : 'कुछ ऐसा कर बंदे कि नाम हो जाए, खुदा तुझपे मेहरबान हो जाए। मुफलिसों की मदद के लिए दौलत नहीं तो क्या, इस हौसले से निकल कि उनका काम हो जाए.' इसी सोच के साथ इस ठंड में खुले बदन घूम रहे गरीबों की मदद करने के लिए चिलबिला बाजार के दर्जन भर युवा कदम बढ़ा चुके हैं। वह लोगों के घर-घर जा कर सुबह शाम पुराने कपड़ों को मांग कर गरीबों के बीच बांटने का काम में जुटे हैं। उनके इस अनूठे पहल को बेल्हा का हर शख्स सलाम कर रहा है।

इस नेक काम को करने वालों में श्रीराम लीला सेवा समिति चिलबिला के घनश्याम उमरवैश्य, रवि गुप्त, रोहित कुमार, पंकज केसरवानी, पवन कौशल, अजय गुप्त, जगदीश सोनी लक्ष्मीपति शाह सूरज गुप्त, मनोज कुमार आदि युवाओं का नाम शामिल हैं। उनमें कोई व्यापार करता है तो कुछ नौकरी पेशे से जुड़ा है। खुद का सारा काम निपटाने के बाद वे अपने इस मिशन में जुट जाते हैं। सुबह व शाम गांव-गांव घूमकर मालिन बस्ती, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीबों के अलावा भिखारी व असहाय लोगों को लोगों के घरों से जुटाए गए पुराने गर्म व अन्य कपड़ों को बांट देते हैं। अभी तक जनपद के फेनहा गांव, ओझला, किशुनगंज, सतावां गांव के अलावा शहर के चिलबिला, रंजीतपुर, रेलवे स्टेशन, बस अड्डा व जिला अस्पताल में रोजाना यूथ टीम पहुंचकर जरूतमंदों की मदद वह कर चुके हैं। टीम के सदस्य घनश्याम उमरवैश्य ने कहा कि उन लोगों का यह अभियान अब चलता रहेगा। ताकि गरीबों की ठंड लगने से जान न जाय। वह पूरी कोशिश करेंगे कि जितना अधिक से अधिक हो जाय वे कपड़ों को एकत्र करेंगे और गरीबों में बांटेंगे।

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व्हाट्सएप व फेसबुक पर पुराने कपड़ो की मांग

श्रीरामलीला कमेटी के युवा व्हाट्सएप और फेसबुक पर भी अभियान को प्रचारित कर रहे हैं। इस आधुनिक विधि के जरिए भी वे लोगों से पुराने कपड़ों को एकत्र कर गरीबों के बीच बांटने की मांग कर रहे हैं। युवाओं का कहना है कि फेसबुक व व्हाट्सएप से उन्हें काफी मदद मिल रही है। इलाके के तमाम लोग खुद अपने घर के पुराने कपड़ों को कमेटी के पास ले आ कर दे गए हैं। जिसे गरीबों के बीच बांट दिया गया है।