उनका जन्म चीन में ही वर्ष 1928 में हुआ था और उन्हें एक लड़के के तौर पर कियान जिनफान नाम दिया गया था.

आठ दशक पुरुष का जीवन

अपने आठ दशक के जीवन में उन्होंने चीन में हुई उथल-पुथल, युद्ध, साम्यवादी क्रांति और मौजूदा दौर की आर्थिक उन्नति भी देखी.

अब तक वे एक पुरुष के रूप में जी रही थीं. वे कहती हैं, ''मैं बहुत पहले से जानती थी. तीन वर्ष की उम्र में ही मुझे अहसास होता था कि मैं एक लड़की हूं.''

वे बताती हैं कि उनके वंशज मिंग और किंग राजशाही में धनी अधिकारी थे लेकिन अब उनकी माली हालत ठीक नहीं है.

विवाह और बेटा

यी लिंग ने मध्यम दर्जे के सरकारी अधिकारी के तौर पर अपना करियर शुरु किया था. वे एक पुरुष के तौर पर रह रही थीं. उन्होंने अपने से कम उम्र की लड़की से विवाह किया और उनका एक बेटा भी है.

वे कहती हैं, ''मुझे ये मानने में बहुत समय लगा कि मैं वाकई क्या हूं, क्योंकि मैं अपने परिवार के सदस्यों को लेकर चिंतित थी. मुझे लगता था कि इससे वो मुश्किल में पड़ सकते हैं.''

यी लिंग अपनी वो तस्वीरें दिखाती हैं जिसमें वे सादे परिधान में एक अधिकारी के रूप में नजर आ रही है जिसमें उनके स्त्रियोचित मामूली लक्षण भी दिखते हैं.

चीन में साठ और सत्तर के दशक में जब सामाजिक-राजनीतिक नियम कानून खासे कड़े थे, तब अन्य लोगों की तरह उन्हें भी बंधक बनाया गया था और पूछताछ की गई थी.

झूठ बोलने की जरूरत नहीं

यी लिंग कहती हैं कि सांस्कृतिक क्रांति के दौरान स्त्री-पुरुष एक जैसे कपड़े पहनने लगे तो उन्हें ये ज्यादा महसूस हुआ कि वे एक औरत हैं.

वे कहती हैं, ''पहले ऐसा होता था कि मैं अपने करीब तभी होती थी जब कोई मेरे इर्दगिर्द नहीं होता था. लेकिन अब मैं महसूस करती हूं कि मैं वाकई कौन हूं. मुझे किसी से झूठ बोलने की जरूरत नहीं है.''

यी लिंग की कहानी उस बदलाव की परिचायक है जो चीन में हो रहे हैं. चीन में अब पारलैंगिकों को अपने लिंग आधिकारिक तौर पर बदलवाने की अनुमति है.

आठ दशक का जीवन बिताने के बाद लिंग परिवर्तन के फैसले की वजह से यी लिंग को चीन के मीडिया में भरपूर जगह मिली.

यी लिंग बताती हैं कि उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने उनके प्रति बड़ी नरमी दिखाई और उन्हें महिला परिधान में कार्यक्रमों में आने की अनुमति दी.

साथ ही उन्हें मिलने वाली पेंशन और दूसरे लाभ देना भी जारी रखे.

प्रगतिशील समाज और सरकार

यी लिंग कहती हैं, ''मेरा मामला ये बताता है कि दुनिया में हो रही तरक्की के साथ कदम मिलाने के हिसाब से चीन की सरकार कितनी प्रगतिशील है.''

वे कहती हैं, ''पुरुष जैसा शरीर और एक महिला होने की बीच मुझे किसी टकराव का एहसास नहीं होता है.''

वे बताती हैं कि कभी-कभार भेदभाव का शिकार उन्हें भी होना ही पड़ता है, फिर भी वो इस बात की आभारी हैं कि वे तेजी से हो रहे आर्थिक और सामाजिक विकास के दौर में जी रही हैं.

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