- तीसरे और चौथे सेमेस्टर में होगी इलेक्टिव सब्जेक्ट की पढ़ाई

- सभी डिपार्टमेंट को सीबीसीएस के तहत ऑफर होने वाले सब्जेक्ट का अलग से तैयार करना होगा सिलेबस

LUCKNOW: लखनऊ यूनिवर्सिटी में नए सेशन से पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी कोर्स में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) को लागू करने के लिए गुरुवार को वीसी प्रो। आलोक कुमार राय की अध्यक्षता में सभी डीन और एचओडी की बैठक हुई।

24 को दोबारा होगी बैठक

बैठक में तय किया गया कि सभी पीजी कोर्सेस के फ‌र्स्ट ईयर में कोर्स के संबंधित सिलेबस को ज्यादा से ज्यादा कवर किया जाएगा। इस अवसर पर कई डिपार्टमेंट के एचओडी ने अपने-अपने डिपार्टमेंट सीबीसीएस लागू करने के लिए प्रेजेंटेशन दिया, लेकिन कई प्रेजेंटेशन देखने के बाद भी सीबीसीएस को लेकर डीन और एचओडी के कॉन्सेप्ट से वीसी संतुष्ट नहीं दिखे। इसके बाद उन्होंने खुद ही सभी को सीबीसीएस को किस तरह से लागू करना है इसकी पूरी रूपरेखा के बारे में जानकारी दी। साथ ही वीसी ने बताया कि सीबीसीएस में ऐसा कोर्स तैयार किया जाए जो छात्रों के लिए मूल्यवान हो, उन्होंने ओपन इलेक्टिव, इंटर डिपार्टमेंट क्रेडिट ट्रांसफर के साथ-साथ मूक्स कोर्स को भी पाठ्यक्रम में स्थान देने की बात कही। वीसी ने अब 24 जनवरी को एक बार फिर से सीबीसीएस को लेकर सभी डीन व एचओडी की बैठक बुलाई है।

दो सेमेस्टर में कवर होगा पूरा सिलेबस

एलयू के सूत्रों का कहना है कि बैठक में वीसी ने सभी डीन व एचओडी को साफ-साफ निर्देश दिए हैं कि वह पहले साल के दोनों सेमेस्टर में उस कोर्स के ज्यादा से ज्यादा सिलेबस को पूरा किया जाए। साथ ही सभी प्रैक्टिकल को भी इन्हीं दो सेमेस्टर में ही रखा जाए। इसके बाद दूसरे साल के तीसरे और चौथे सेमेस्टर में इलेक्टिव सब्जेक्ट को पढ़ाया जाए, जिसमें उस पीजी कोर्स से एक ओपन इलेक्टिव सब्जेक्ट हो और दूसरा छात्र अपनी च्वाइस से किसी भी फैकेल्टी से कोई भी सब्जेक्ट लेकर पढ़ सकता है। उसी के अनुसार उसकी तैयारी और सिलेबस तैयार करें।

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सीबीसीएस के लिए तैयार करना होगा सिलेबस

बैठक में सीबीसीएस को लेकर सिलेबस कैसे तैयार किया जाना चाहिए, इसके बारे में भी वीसी ने सभी को विस्तार से जानकारी दी। वीसी ने बताया कि हर डिपार्टमेंट पहले तो अपने कोर्स का पूरा सिलेबस तैयार करेगा। साथ ही वह जो कोर्स सीबीसीएस के तहत ऑफर करेगा उसका भी सिलेबस विभागों को खुद तैयार करना होगा। वीसी ने सभी डिपार्टमेंट को साफ निर्देश दिए हैं कि जो भी कोर्स सीबीसीएस में छात्रों को ऑफर किये जाएं वह मार्केट को ध्यान में रखकर तैयार किये जाएं।

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चार घंटे की क्लास तैयार

एलयू के अधिकारियों का कहना है कि अगर कोई कोर्स चार क्रेडिट का है तो एक सप्ताह में उस क्रेडिट के लिए चार घंटे की क्लास अनिवार्य रूप से चलनी होगी, जो 90 दिनों तक लगातार चलेगी। वहीं अगर दो क्रेडिट का कोर्स है तो उसके लिए सप्ताह में कम से कम दो घंटे की क्लास अनिवार्य है इसे भी 90 दिनों के अनुसार ही तैयार किया जाएगा। वहीं वीक में एक प्रैक्टिकल क्लास भी होना अनिवार्य किया जाएगा।

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पीएचडी के कोर्स वर्क में भी सीबीएससी

एलयू के प्रवक्ता डॉ। दुर्गेश श्रीवास्ताव ने बताया कि नए सेशन में पीजी के सभी कोर्सेस के साथ ही पीएचडी के सभी विषयों में भी सीबीसीएस को लागू किया जाएगा। पीएचडी में स्टूडेंट्स को कोर्स वर्क में सीबीसीएस के तहत अलग विषय को चुनने का मौका दिया जाएगा।