KAUSHAMBI: तहसील दिवस में अब मात्र औपचारिकताएं होती हैं। मसलन शिकायत दर्ज करना, अफसर फरियाद सुनते हैं और दो बजे तहसील दिवस खत्म हो जाता है। काउंटर पर बैठे बाबू का काम शुरू रहता है। शिकायतों को संबंधित विभागों को भेजने का और उनका ब्यौरा रखने का। लंबित शिकायती पत्रों में भी महज खानापूर्ति ही होती है। मंगलवार को कुल ख्08 शिकायतें दर्ज हुई, लेकिन अफसरों की भीड़ केवल एक ही फरियादी को न्याय दे सकी। शेष शिकायतों को निस्तारित करने के लिए जिलाधिकारी ने जिलास्तरीय अधिकारियों व एसडीएम को निर्देश दिया।

एसडीएम व तहसीलदार से जवाब तलब

सदर एसडीएम व तहसीलदार को हकबंदी के मामले में लापरवाही करना काफी मंहगा पड़ा। शिकायत पर डीएम ने मंझनपुर एसडीएम, तहसीलदार व नायब तहसीलदार से जवाब तलब किया है। मंझनपुर तहसील क्षेत्र के लहना गांव निवासी रईस अहमद ने डीएम को शिकायती पत्र के माध्यम से बताया कि दो वर्ष पूर्व हकबंदी की कार्रवाई करने के लिए आवेदन पत्र जमा किया था। सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भूमि की पैमाइश नहीं की गई।