बोट असमान्य तरीके से आई थी
रक्षा मंत्री ने बताया कि, पाकिस्तानी बोट में सवार लोग यदि तस्कर होते तो फिर वे उसे ब्लास्ट करके नहीं उड़ाते. ऐसे में कहा जा सकता है कि यह तस्करी का मामला नहीं था. इसके साथ ही उन्होंने बोट के आने वाले रास्ते पर भी सवाल उठाये. पार्रिकर का कहना है कि, यह बोट सामान्य रास्ते से भारतीय जलसीमा में नहीं आई थी. यह बोट पाकिस्तानी साजिश के तहत यहां पर भेजी गई थी. इसके अलावा पार्रिकर ने यह भी बताया कि यदि बोट में सवार लोग तस्कर होते तो वे फिर पाक एजेंसियों के संपर्क में नहीं होते.

सुरक्षा एजेंसियां रहीं अलर्ट
हालांकि पार्रिकर ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सतर्कता बरतने की तारीफ की. उन्होंने कहा कि हमारी सिक्योरिटी एजेंसियों के पास इस पाकिस्तानी बोट के बारे में पूरी पुख्ता जानकारी थी. इसके तहत करीब 12-14 घंटे तक बोट पर निगरानी रखी गई थी. रक्षा मंत्री ने भारतीय तटरक्षक के साथ ही इस अभियान में शामिल जवानों की प्रशंसा की, जिन्होंने इस संदिग्ध बोट की घेराबंदी करके उनका प्लान विफल कर दिया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे इस सफल ऑपरेशन की बदौलत एक बड़ा खतरा टल गया.

नौका में भरा था विस्फोटक

आपको बताते चलें कि पिछले दिनों भारतीय तटरक्षकों ने अरब सागर में एक सफल आपरेशन चलाया. 31 दिसंबर की आधी रात को समुद्र के बीचो-बीच एक संदिग्ध नाव को देखा गया था, जिसके बाद तटरक्षकों ने घेराबंदी करके कार्रवाई शुरु कर दी. हालांकि जैसे ही मछली पकड़ने वाली इस पाकिस्तानी नौका की घेराबंदी हुई, तभी अचानक नाव में विस्फोट हो गया और आग लग गई. इसके बाद उस पर सवार 4 लोग नौका सहित पानी में डूब गये. खबरों की मानें तो इस पाकिसतानी नौका में काफी मात्रा में विस्फोटक रखा हुआ था. वहीं अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह विस्फोटक किसी आतंकी साजिश के चलते यहां लाया जा रहा था.

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