बड़े नेता उसका विरोध कर रहे

जानकारी के मुताबिक पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ तनाव कम नही हो रहा है। जिसके चलते पाकिस्तान ने भारत के साथ बिजली लेने की योजना को रद्द कर दिया है। पाकिस्तान का कहना है कि वह भारत से 4,000 मेगावाट बिजली की आयात अब नहीं करेगा। वहीं पाकिस्तान के जल व विद्युत मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि भारत में कुछ बड़े नेता उसका विरोध कर रहे हैं। वे लोग पाकिस्तान के प्रति अपना रुख बदलने को तैयार नही हैं। ऐसे में पाकिस्तान का वहां से बिजली लेना ठीक नहीं हैं। वहीं अभी हाल ही में पानी और बिजली मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सीनेट में भी इस बात का ऐलान किया है। उनका कहना था कि भारत पाक के बीच बिजली आयात को लेकर योजना तैयार हो चुकी है। पाकिस्तान ने 2012 में भारत से पहले 500 मेगावाट बिजली आयात कराने की बात की थी।

आयात वाली दिशा में प्रगति नहीं

इस संबंध में भारत के मेसर्स अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) ने मंत्रालय को एक को पूरा मसौदा भी सौंप दिया था। जिसमें पहले 2 साल तक 500-800 मेगावाट बिजली और इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 3,500-4,000 मेगावाट करने की भी बात कही गई थी। इसके बाद दो साल बाद जब मेसर्स अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) ने आगे की प्रक्रिया बढ़ाने के लिए पाक से संपर्क साधा तो भी कुछ खास बात नहीं हुई। इस संबंध में आसिफ का कहना है कि अब आगे इस आयात वाली दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई। उन्होंने सीनेट को भी इस बात की जानकारी दे दी है कि ईरान के साथ ही ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान से बिजली आयात करने की योजना तैयार हो रही है।

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