सड़क परियोजना का है हिस्सा
पाक-चीन की ये सुरंगें 24 किलोमीटर लंबी सड़क पुननिर्माण परियोजना का हिस्सा हैं। पाक ने चीन की मदद से इसे तीन साल से भी ज्यादा समय में पूरा किया है। बताया गया है कि अट्टाबाद झील के करीब बनी ये सुरंगें 2010 में हुए भूस्खलन में पूरी तरह बर्बाद हो गई थीं। भूस्खलन की वजह से ही वहां हुंजा नदी का बहाव बुरी तरह से रुक गया था। इसके लिए वहां कृत्रिम झील बन गई थी।

बनाई जा रही हैं 78 पुलियां भी
बताया जा रहा है कि इसी परियोजना के तहत इन पांच सुरंगों के अलावा यहां दो पुल और 78 पुलियां भी बनाई जा रही हैं। इस परियोजना के पूरे हो जाने के बाद चीन से पर्यटक सीधे इस्लामाबाद तक जा सकेंगे। इतना ही नहीं, इसके अलावा इससे लोगों को दोतरफ़ा व्यापार में भी बढ़ावा मिलेगा।

भारत ने उठाए विरोध के स्वर
दरअसल भारत गिलगिट-बाल्टीस्तान को अपना हिस्सा मानता है। इस वजह से भारत को यहां किसी अन्य देश का निर्माण स्वीकार्य नहीं है। ऐसे में पाक और चीन की इस गतिविधि का भारत जोर-शोर से विरोध करता है। इतना ही नहीं भारत रणनीतिक तौर पर अहम इस क्षेत्र में चीन की मौजूदगी को बर्दाश्त नहीं कर सकता। वह इस बात पर पहले ही आपत्ति दर्ज करा चुका है।

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