इस्लामाबाद (एएनआई)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के निर्देश के बाद अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया और गैर-निर्वाचित सलाहकारों और विशेष सहायकों को कैबिनेट समितियों का नेतृत्व करने से रोक दिया। इस कदम को सरकार के निजीकरण के प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण झटका माना जाता है जो संघीय मंत्रिमंडल के अयोग्य सदस्यों द्वारा उठाए जा रहे थे। इमरान खान के पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सत्ता में आने के तीन साल से कम समय में यह चौथा संघीय कैबिनेट शेकअप है। नई नियुक्तियों में आंतरिक मंत्री के रूप में शेख राशिद अहमद और वित्त मंत्री के रूप में डाॅक्टर अब्दुल हफीज शेख शामिल हैं। डॉन ने बताया कि इंटीरियर मिनिस्टर की सेवा दे रहे ब्रिगेडियर रिटायर्ड एजाज अहमद शाह को नारकोटिक्स कंट्रोल मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था, जबकि आजम खान स्वाति को रेल मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।
हाफिज शेख निर्वाचित सदस्य नहीं
राशिद, जो रेल मंत्री हैं, भारत के खिलाफ अपने हास्यास्पद कारनामों के लिए जाने जाते हैं। उनसे जुड़ी सबसे चर्चित घटना है, जब उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए जैसे ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिया था उन्हें इलेक्टि्रक शाॅक लग गया था। हाफिज शेख निर्वाचित सदस्य नहीं हैं और वे कई समितियों का नेतृत्व नहीं कर सके। उन्हें संविधान के अनुच्छेद 91 (9) के तहत एक मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था और वह छह महीने के लिए मंत्री के रूप में काम कर सकते हैं। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार इसके बाद अपनी सेवाएं जारी रखने के लिए उन्हें नेशनल असेंबली या सीनेट के सदस्य के रूप में चुना जाना चाहिए। कहा जा रहा है कि हाफिज शेख मार्च 2021 में होने वाले ऊपरी सदन के लिए आगामी चुनावों में सीनेट पद के लिए लड़ेंगे।

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