इलाहाबाद से खुलने वाली ट्रेनों में एसी कोच अटेंडेंट की पहचान से रेलवे अनजान

जीआरपी की जांच में अटेंडेंट के पुलिस वेरिफिकेशन और मेडिकल प्रमाण पत्र मिले फर्जी

ALLAHABAD: रेलवे एसी कोच में सफर करने वाले पैसेंजर्स को वीवीआईपी ट्रीटमेंट देता है। उनके लिए कई तरह की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं। लेकिन यहां इलाहाबाद में ठीक उलटा हो रहा है। यहां तो वीवीआईपी पैसेंजर्स की सेवा में ही ठेके का आदमी (कोच अटेंडेंट) लगा दिया गया है। वह भी यह देखे बिना कि कहीं वह अपराधी छवि का तो नहीं है। मंगलवार को कोच अटेंडेंट की भर्ती के नाम पर रैकेट चलाने वाले पकड़े गए तो कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जो काफी चौंकाने वाले हैं। यहां कई अटेंडेंट ऐसे मिले हैं जिनका कोई रिकार्ड रेलवे के पास नहीं है। यही नहीं उनकी ओर से जमा किए गए पुलिस वेरिफिकेशन और मेडिकल प्रमाण पत्र भी फर्जी निकले हैं।

संदेह के घेरे में रेलवे अफसर

मंगलवार को जीआरपी ने चार लोगों को गिरफ्तार कर कोच अटेंडेंट भर्ती रैकेट का खुलासा किया। इसमें ठेकेदार के सुपरवाइजर और कई दलाल सक्रिय थे। उनके पकड़े जाने के बाद कई और मामले सामने आए हैं। जीआरपी इंस्पेक्टर मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मामले में रेलवे के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आ रही है। जांच में पता चला कि यतींद्र कुमार, रवि कुमार सहित कई ऐसे कोच अटेंडेंट काम कर रहे थे, जिनका रेलवे के रिकार्ड में नाम ही नहीं है। इसके बावजूद एसएसई ने इनके नाम ट्रेन में चलने के लिए लेटर जारी किया है। जो अटेंडेंट ठेके पर काम कर रहे हैं, उनके पुलिस वैरीफिकेशन और मेडिकल प्रमाण पत्र भी फर्जी मिले हैं।

जांच की जिम्मेदारी किसकी?

रेलवे की यह जिम्मेदारी होती है कि ठेकेदार जो कर्मचारी मुहैया करा रहा है उनके सभी प्रमाण पत्रों की विधिवत जांच करा ले। जांच के बाद ही उन्हें काम पर रखा जाए। यह भी देखना होता है कि जिसे हम वीवीआईपी पैसेंजर्स की जिम्मेदारी सौंपने जा रहे हैं वह कहीं अपराधी छवि का तो नहीं है। लेकिन रेलवे अफसरों की ओर से ऐसा कोई प्रयास भी नहीं किया गया है। यह इससे साबित होता है कि जांच में सभी प्रमाण पत्र फर्जी मिले हैं।

जीआरपी की कार्रवाई से कोच अटेंडेंट की भर्ती और तैनाती में चल रहे खेल का खुलासा हुआ है। जांच का पैमाना बढ़ाया गया है। यदि मामले में और लोग दोषी पाए जाते हैं या रेलवे के किसी अधिकारी-कर्मचारी की मिलीभगत सामने आती है तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।

विजय कुमार

सीपीआरओ, एनसीआर