-टीचर्स डे सेलिब्रेशन के कारण एक घंटा लेट से आए स्टाफ्स

-रेडियोलॉडी डिपार्टमेंट में लंबी वेटिंग से परेशान हैं मरीज

RANCHI : राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में शनिवार को भी अव्यवस्था का आलम दिखा। इधर मरीज तड़प रहे थे और स्टाफ टीचर्स डे सेलिब्रेशन में शामिल थे। इस कारण कई टेक्निशियन और स्टाफ्स समय से विभाग नहीं पहुंचे। इस कारण एक घंटे देरी से काम शुरू हुआ। रेडियोलॉजी विभाग में काम शुरू नहीं होने से देखते ही देखते मरीजों की लंबी कतार लग गई। इस दौरान मरीज और परिजन भूखे-प्यासे तड़पते रहे। इतना ही नहीं इन दिनों रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में वेटिंग के कारण भी मरीज परेशान हैं। इससे रांची के बाहर से आनेवाले पेशेंट्स को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वेटिंग की इस समस्या से निपटने के लिए प्रबंधन की ओर से कोई कदम नहीं उठाए जा रहे है।

पॉकेट पर आफत

रिम्स में आम लोगों के साथ ही काफी संख्या में बीपीएल मरीज भी इलाज कराने आते हैं। यही कारण है कि अल्ट्रासाउंड में वेटिंग मिलने से उनकी पॉकेट पर आफत आ गई है, क्योंकि अल्ट्रासाउंड कराने में जितने पैसे बचेंगे नहीं उससे ज्यादा रहने-खाने और ठहरने में खर्च हो जाएंगे। स्थिति यह है कि बाहर से आनेवाले पेशेंट्स को वेटिंग मिलने के कारण उन्हें यहां ठहरने और खाने का प्रबंध करना पड़ रहा है। दूसरी ओर रिपोर्ट आने में देरी से उनकी बीमारी के बढ़ने का भी खतरा बना हुआ है। बताते चलें कि रिम्स में झारखंड के अलावा अन्य राज्यों से भी मरीज इलाज कराने आते हैं। इसके बावजूद प्रबंधन लापरवाह है।

पावर कट बड़ी परेशानी

इतना ही नहीं रिम्स में अक्सर बिजली भी गायब हो जाती है। इमरजेंसी में पावर सप्लाई के लिए जेनरेटर भी लगाए गए हैं, लेकिन कनेक्शन नहीं दिए जाने की वजह से काम प्रभावित होता है। लोग घंटों तक रेडियोलॉजी विभाग में बिजली के आने का इंतजार करते रहते हैं। इस चक्कर में मरीजों के साथ उनके परिजनों का भी दिन बर्बाद हो जाता है।

मरीजों के परिजनों ने बताई परेशानी

हमलोग दो दिन से यहां भटक रहे हैं। अल्ट्रासाउंड के लिए सोमवार को बुलाया गया है। ऐसे में हमलोगों के लिए गढ़वा जाकर फिर आना संभव नहीं है। गरीबों के लिए कोई ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि उन्हें किसी भी जांच के लंबा इतजार न करना पड़े।

मनोज राम

हम भी अपने मरीज को लेकर भटक रहे हैं। पूछने पर कहा जाता है कि भीड़ काफी है। ऐसे में इंतजार तो करना पड़ेगा, नहीं तो बाहर जाकर टेस्ट करा सकते हो। मुझे भी तीन दिन बाद का नंबर मिला है। अब रिपोर्ट के लिए इंतजार कर रहा हूं। उसके बाद ही डॉक्टर दवाई लिखेंगे।

देव नारायण

वर्जन

डिपार्टमेंट पर बोझ काफी बढ़ गया है। इस वजह से ही वेटिंग लंबी हो गई है। हर दिन सैकड़ों लोगों की जांच की जाती है। अब इंसान अपनी क्षमता के अनुसार ही काम करेगा। मशीन भी कई बार ठप हो जाती है।

डॉ एसके चौधरी, एमएस, रिम्स