-एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने जिला अस्पताल पहुंचे लोगों को एसआईसी ने वापस लौटाया

-पहले सीएमओ ऑफिस से साइन कराने को कह रहे थे अधिकारी, विरोध प्रदर्शन पर डीएम ने लिया संज्ञान

GORAKHPUR: स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की आपसी खींचतान मरीजों के लिए आफत बनती जा रही है। जिला अस्पताल में शुक्रवार को एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने पहुंचे ग्रामीण एरिया के लोगों को काफी परेशानी हुई। एसआईसी ने यहां पहुंचे लोगों को एआरवी के लिए पहले सीएमओ का साइन लाने को कहा। इससे नाराज लोग सीएमओ ऑफिस पहुंचे और प्रदर्शन शुरू कर दिया। मामले की जानकारी जब डीएम को हुई तो उन्होंने तत्काल मामले का संज्ञान लिया। उनके हस्तक्षेप के बाद मरीजों को एआरवी लगनी शुरू हो सकी। वहीं, एसआईसी ने मरीजों को वापस लौटाने की बात से इनकार किया है।

अधिकारियों के बीच पिसे मरीज

गोरखपुर मंडल में सिर्फ यहां का जिला अस्पताल ही एक ऐसा सरकारी अस्पताल है, जहां एआरवी उपलब्ध है। ऐसे में एंटी रैबीज वैक्सीन के लिए दूर दराज के मरीज भी इसी पर निर्भर हैं। लेकिन जिला अस्पताल प्रशासन और सीएमओ ऑफिस के बीच कुछ दिन से चल रही खींचतान ने यहां मरीजों की हालत खराब कर रखी है। हालत यह है कि जिला अस्पताल प्रशासन कभी सीएमओ ऑफिस तो कभी टीबी अस्पताल की बिजली सप्लाई काट देता है। अब तो एसआईसी के नए फरमान ने सीएमओ ऑफिस की मुसीबत और बढ़ा दी है। सीएमओ ऑफिस से जुड़े स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटी रैबीज वैक्सीन खत्म होने के चलते यहां के मरीजों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया जा रहा है। लेकिन हैरानी वाली बात है कि एआरवी लगवाने पहुंच रहे लोगों से कहा जा रहा है कि उन्हें पहले सीएमओ ऑफिस से इसके लिए साइन कराना होगा। इसके बाद ही दवा लग सकेगी।

डीएम ने लिया संज्ञान

एआरवी लगवाने शुक्रवार को यहां पहुंचे सैकड़ों लोगों को जिला अस्पताल प्रशासन के इस फरमान का सामना करना पड़ा। दवा के लिए पहले सीएमओ ऑफिस से साइन करा कर लाने की बात का लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। इससे नाराज लोग सीएमओ ऑफिस पहुंच प्रदर्शन करने लगे। इस बीच किसी मरीज ने डीएम संध्या तिवारी को इसकी सूचना दी। मामले का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए डीएम ने तत्काल सीएमओ और जिला अस्पताल के एसआईसी से बात कर लोगों को एआरवी लगवाने के लिए कहा। इसके बाद मरीजों को दवा लगनी शुरू हो सकी।

वर्जन

सीएमओ ने लिखित दिया है कि उनके स्वास्थ्य केंद्रों पर एआरवी उपलब्ध नहीं है। जिसके बाद सभी मरीजों को एआरवी लगाई जा रही है। किसी को वापस नहीं लौटाया जा रहा है।

- डॉ। एचआर यादव, एसआईसी, जिला अस्पताल