ऐनुल पर आरोप था कि बम विस्फोट की घटना को अंजाम देने के लिए वह पटना रेलवे स्टेशन पर आए थे.

इससे पहले पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने बताया था कि ऐनुल और उनके साथी पटना रेलवे स्टेशन के शौचालय में बम के अगल-अगल हिस्सों को जोड़ रहे थे, तभी बम फट गया.

इस दौरान ऐनुल को गंभीर चोटें आईं थी, जबकि उनके एक साथी इम्तियाज़ को मौके से गिरफ्तार किया गया. दोनों रांची के रहने वाले हैं.

इंडियन मुजाहिदीन पर शक

ऐनुल का पटना के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था. उनके सिर पर गंभीर चोटें आई थीं और गुरुवार रात को ब्रेन डेड होने के बाद उसकी मौत हो गई.

स्थानीय पत्रकार मनीष सांडिल्य के अनुसार अस्पताल में ऐनुल के शव पर उसके किसी परिजन से दावा नहीं किया, जिसके बाद पुलिस अस्पताल से शव को ले गई.

माना जा रहा है कि ये लोग इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के इशारों पर काम कर रहे थे.

बिहार पुलिस और एनआईए का कहना है कि इन चरमपंथियों का मकसद रैली में भगदड़ मचाना था. उनका मानना है कि अगर पटना रेलवे स्टेशन पर विस्फोट नहीं होता तो गांधी मैदान में और क्षति हो सकती थी.

भाजपा की रैली के दौरान हुए इन बम विस्फोटों में छह लोगों की मौत हो गई थी जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं.

International News inextlive from World News Desk