वह फोन पर कई लोगों से लगातार बातें कर रहा था

26/11 को जब कसाब जब मुंबई में गोलियां बरसा रहा था उस समय भी वह फोन पर कई लोगों से लगातार बातें कर रहा था। इसमें बिहार का भी एक शख्स था जो कसाब के कांटैक्ट में था। जी हां, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर हो रहे इस खूनी खेल का सीधा हाल वीरेन्द्र शर्मा उर्फ मुन्ना को मिल रहा था। दरअसल, इस कांड की जांच में एटीएस ने जब कसाब का कॉल डिटेल निकाला तो एक खतरनाक नम्बर बिहार का निकला। वह दीनबंधु शर्मा के नाम पर था और इसका यूज उसका बेटा वीरेन्द्र शर्मा कर रहा था। रोहतास के अकोढ़ी थाना के बांक गांव में इस फोन से बातें हो रही थीं। एक बार फिर वीरेन्द्र की तलाश के लिए रोहतास पुलिस ने एक टीम बनाई है. 

चार साल बाद

कसाब के फांसी के बाद फिर से इस गांव में दर्जनों पुलिस की गाडिय़ों धूल उड़ा रही हैं। एसपी मनु महाराज के नेतृत्व में कई बार रेड की गई। लेकिन उस शख्स का पता नहीं चल पाया है। इसी कांड में गिरफ्तार वीरेन्द्र का फादर दीनबंधु शर्मा जरूर जेल से छूटकर आ चुका है। चार साल जेल में रहने के बाद कुछ समय पहले ही वह अपने बेटे की करतूत की सजा काटकर गांव लौटा है। पुलिस ने भी उससे पूछताछ की मगर उसने साफ कह दिया कि वह अपने बेटे के बारे में नहीं जानता।

2007 में ही बदल गया वीरेन्द्र

वीरेन्द्र ने कम उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था। पढ़ाई का एबीसी भी नहीं जानने वाला वीरेन्द्र को बचपन में मनचलों से दोस्ती हो गई। उसके इसी स्वभाव को देखते हुए फादर ने उसकी शादी रोहतास के नासरीगंज में कर दी। मगर शादी के कुछ महीने बाद से ही उसकी पत्नी लापता है। इस मामले में भी थाने में मामला दर्ज है। वैसे उसने दूसरी शादी भी की। एक सीनियर आफिसर की मानें तो वर्ष 2007 के जून जुलाई में वह कश्मीर के पहलगाव, गुलमर्ग, बारामूला और अनंतनाग चला गया। जब वहां से लौटा तो उसकी स्टाइल बदली हुई थी। बाद में कभी-कभी उससे मिलने कश्मीर के कुछ लोग आते थे।

घर में हथियारों का जखीरा

जब मुम्बई एटीएस की टीम ने बिहार पुलिस को इंफारर्मेशन दी तब एसपी रोहतास ने उसके घर रेड की थी। उस समय उसके घर से एक राइफल, तीन विदेशी पिस्टल, छह देशी पिस्टल सहित दो बक्सों में बंद गोलियां बरामद की गई थीं। तब पुलिस ने भी उसका सबंध बंगलादेशी आतंकियों से होने की बात स्वीकार की थी। इसी समय उसका फादर अरेस्ट किया गया था। लेकिन वीरेन्द्र हाथ नहीं आ सका था। उसके घर से फर्जी पासपोर्ट भी बरामद किया गया था।

स्पेशल टीम बनी

वीरेन्द्र के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए रोहतास एसपी ने एक टीम बनाई है। डेहरी एसडीपीओ कमलाकांत पाण्डेय के नेतृत्व बनी इस टीम में डेहरी इंस्पेक्टर नागेन्द्र कुमार सिंह, अकोढ़ी थाना के एसएचओ राजीव राम, एसआई रजनीश पाण्डेय, एसआई रंजीत कुमार और त्रिलोकीनाथ मिश्रा शामिल हैं। वैसे पुलिस सोर्सेज की मानें तो वीरेन्द्र फिलहाल पाकिस्तान के बहावलपुर में है और वहां शादी भी रचा चुका है। वह वहीं बहावलपुर है जहां का अजहर महमूद रहने वाला है जिसे प्लेन हाईजैक के बाद रिहा किया गया था। वैसे पुलिस के लिए अब यह पहेली ही है कि रोहतास के बांक के वीरेन्द्र का कनेक्शन पाकिस्तान के फरीदकोट के कसाब से आखिर कैसे हुई? यह तो वीरेन्द्र की गिरफ्तारी के बाद ही साफ हो सकेगा।

वीरेन्द्र की तलाश में रेड की गई है। उसका पिता जेल से छूटकर आया है उससे भी पूछताछ की गई। फिलहाल वह गांव में ही रह रहा। लेकिन वीरेन्द्र के बारे में उसने कुछ भी जानकारी होने से इंकार किया है। डीएसपी के नेतृत्व में एक टीम बनी है जो कई जानकारियां एकत्र करेगी।

मनु महाराज, एसपी रोहतास।

Report by Rajan Anand