कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पढ़ाने का सपना देख रहे उम्मीदवारों के लिए एक बड़ी खबर आई है। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) अब प्रोफेसर भर्ती के लिए पीएचडी की अनिवार्यता खत्म कर रहा है। यूजीसी अपने नियमों में संशोधन करने की योजना बना रहा है। ऐसे में जो इस फील्ड के एक्सपर्ट हैं वह पीएचडी डिग्री लिए बिना यूनिवर्सिटी में पढ़ा सकते हैं। वर्तमान में, यूजीसी के अनुसार, किसी को भी प्रोफेसर या एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में भर्ती होने के लिए पीएचडी धारक होना जरूरी है।

यूजीसी चेयरमैन ने कही ये बात
यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, 'कई विशेषज्ञ हैं जो पढ़ाना चाहते हैं। कोई ऐसा व्यक्ति हो सकता है जिसने बड़ी परियोजनाओं को लागू किया हो और जिसके पास जमीनी स्तर का बहुत अनुभव हो, या कोई महान नर्तक या संगीतकार हो सकता है। लेकिन हम उन्हें मौजूदा नियमों के अनुसार नियुक्त नहीं कर सकते।" उन्होंने कहा, "इसलिए, यह निर्णय लिया गया कि विशेष पदों का सृजन किया जाएगा। पीएचडी की कोई आवश्यकता नहीं होगी, विशेषज्ञों को किसी दिए गए डोमेन में अपना एक्सीपीरियंस दिखाना होगा।"

सेंट्रलाइज्ड पोर्टल की भी योजना
गुरुवार (10 मार्च) को सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपतियों के साथ कुमार की बैठक के दौरान प्रस्ताव पर चर्चा हुई। कुमार ने शुक्रवार को कहा कि इसे लागू करने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। इसके अलावा, यूजीसी बिना किसी देरी के शिक्षकों को सुव्यवस्थित, ट्रैक और नियुक्त करने के लिए एक सेंट्रलाइज्ड पोर्टल की भी योजना बना रहा है। कुमार ने कहा, 'साइन अप करने वाले आवेदकों को अपने एकेडमिक रिकॉर्ड जैसे विवरण के साथ अपना प्रोफाइल बनाना होगा। यह अनिवार्य रूप से उनका सीवी होगा। इसके बाद जब वह किसी पोस्ट के लिए अप्लाई करेंगे तो उनकी प्रोफाइल उससे मैच कराई जाएगी।'

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