दवाली को बीते एक सप्ताह हो चुका है, बावजूद इसके शहर में पॉल्यूशन लेवल कम होने का नाम नहीं ले रहा है. टेंशन की बात यह है कि इस पॉल्यूशन ने कोहरे के साथ मिलकर पॉल्यूटेड धुंध का रूप ले लिया है. इस पॉल्यूटेड धुंध ने लोगों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. खासकर ये संकट उन लोगों के लिए अधिक बड़ा है, जो सांस, हार्ट और लंग्स की बीमारी से पीडि़त हैं.
दिन में ही छाया अंधेरा
दवाली को बीते एक सप्ताह हो चुका है, बावजूद इसके शहर में पॉल्यूशन लेवल कम होने का नाम नहीं ले रहा है. टेंशन की बात यह है कि इस पॉल्यूशन ने कोहरे के साथ मिलकर पॉल्यूटेड धुंध का रूप ले लिया है. इस पॉल्यूटेड धुंध ने लोगों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. खासकर ये संकट उन लोगों के लिए अधिक बड़ा है, जो सांस, हार्ट और लंग्स की बीमारी से पीडि़त हैं.
दवाली को बीते एक सप्ताह हो चुका है, बावजूद इसके शहर में पॉल्यूशन लेवल कम होने का नाम नहीं ले रहा है. टेंशन की बात यह है कि इस पॉल्यूशन ने कोहरे के साथ मिलकर पॉल्यूटेड धुंध का रूप ले लिया है. इस पॉल्यूटेड धुंध ने लोगों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. खासकर ये संकट उन लोगों के लिए अधिक बड़ा है, जो सांस, हार्ट और लंग्स की बीमारी से पीडि़त हैं.
दवाली को बीते एक सप्ताह हो चुका है, बावजूद इसके शहर में पॉल्यूशन लेवल कम होने का नाम नहीं ले रहा है. टेंशन की बात यह है कि इस पॉल्यूशन ने कोहरे के साथ मिलकर पॉल्यूटेड धुंध का रूप ले लिया है. इस पॉल्यूटेड धुंध ने लोगों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. खासकर ये संकट उन लोगों के लिए अधिक बड़ा है, जो सांस, हार्ट और लंग्स की बीमारी से पीडि़त हैं.
दवाली को बीते एक सप्ताह हो चुका है, बावजूद इसके शहर में पॉल्यूशन लेवल कम होने का नाम नहीं ले रहा है. टेंशन की बात यह है कि इस पॉल्यूशन ने कोहरे के साथ मिलकर पॉल्यूटेड धुंध का रूप ले लिया है. इस पॉल्यूटेड धुंध ने लोगों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. खासकर ये संकट उन लोगों के लिए अधिक बड़ा है, जो सांस, हार्ट और लंग्स की बीमारी से पीडि़त हैं.