देव दीपावली पर गंगा के घाटों पर उतरा स्वर्ग का नजारा.
काशी में देव दीपावली का विहंगम दृश्य...
हर तरफ दिखी झिलमिलाते दीपकों की श्रृंखला आतिशबाजी के नजारों के साथ मनी देव दीपावली, शोभा निहारने को उमड़ी लाखों की भीड़.
यहां से वहां और वहां से जहां तक नजर गई जगमग दीयों की लंबी श्रृंखला झिलमिलाती दिखी. उनसे निकल रही अनंत स्वर्ण रश्मियों से धरती से लेकर आकाश का कोना कोना आलोकित हो उठा. इस खास मंजर को अपने जेहन में बसा लेने को गंगा घाटों पर अपार भीड़ उमड़ी.
किसी धरती के रहने वाले ने स्वर्ग तो देखा नहीं लेकिन स्वर्ग कुछ ऐसा ही दिखता होगा. सचमुच धरती वासियों ने गंगा के घाटों पर स्वर्ग का नजारा उपस्थित किया. घाट की सीढिय़ों से लेकर गंगा की लहरों तक हर जगह अंधेरे को जड़ से उखाड़ फेंकने का माद्दा लिये एक दो नहीं हजारों की संख्या दीपक अपनी पूरी ताकत के साथ दमकते दिखे.
लोगों ने पूरे उत्साह के साथ दीयों को प्रज्जवलित कर देव दीपावली का पर्व मनाया.
एक से शुरू हुआ दीप प्रज्ज्वलन कब लाखों में बदल गया पता ही नहीं चला.
असंख्य दीपों की रोशनी से घाटों का कोना कोना नहा उठा. कोई दिये में तेल डालता दिखा तो कोई दीयों में बाती रखता.
पंचगंगा घाट पर प्रस्तर स्तंभ हजारा में प्रज्जवलित दीयों का अनुपम दृश्य बरबस ही लोगों को अपनी ओर खींच रहा था. हर घाटों पर दीप प्रज्वलन के पहले मां गंगा की विधिवत आरती व पूजन किया गया.
छोटे से लेकर बड़े दीयों गंगा के घाटों के कोने कोने को रोशन किया. घाट की सीढिय़ों पर कहीं स्वास्तिक और ओम की आकृति को दीयों से उकेरा गया.
रामघाट पर रंग बिरंगी रंगोली पर सजाये गये दीये अलग ही छटा प्रदर्शित कर रहे थे.
घाटों के इस अनुपम दृश्य को अपनी आंखों में बसा लेने के लिए लोगों ने गंगा की लहरों पर मचलती नावों का सहारा लिया. सैकड़ों की संख्या में छोटी बड़ी नावें लोगों को गंगा के इस अनुपम छठा का दर्शन कराती रही.
देव दीपावली के अवसर पर गंगा घाटों के अलावा शहर के कुंड और सरोवरों को भी दीयों से सजाया गया. विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने कुंड व सरोवरों पर दीप जलाकर पर्व मनाया. वरुणा नदी के लाल बहादुर शास्त्री घाट पर देव दीपावली का आयोजन किया गया. इसी क्रम में लक्सा स्थित पौराणिक तीर्थ रामकुंड पर भी दीप माला सजाई गई. क्षेत्रीय लोगों ने दीप जला कर पर्व की परंपरा कर निर्वाह किया. कुंड के बीच में स्थापित राम, लक्ष्मण व सीता के विग्रह का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिपूर्वक पूजन-अर्चन किया गया. लक्ष्मी कुंड पर भी देव दीपावली मनाई गई. कंपनी बाग स्थित मंदाकिनी तीर्थ पर भी देव दीपावली मनाई गई. शहर के छोटे बड़े हर देवालय को भी लोगों ने दीयों की रोशनी से सराबोर किया. मातृभूमि जन सेवा संस्थान की ओर से सक्का घाट को भी हजारों दीपों से सजाया गया. डीएलडब्ल्यू सूर्य सरोवर पर देव दीपावली का कुछ अलग ही नजारा दिखा.