Meri maa...pyaari maa
बदलते वक्त के साथ मां ने लिया नया अवतार
बच्चा पास रहे या दूर हर पल उनसे जुड़ी रहती हैं टेक्नोलॉजी के जरिये
श्रीनगर कालोनी में रहने वाली मनीषा देशमुख की बिटिया अपूर्वा इन दिनों नागपुर के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई कर रही है. मनीषा और अजय की यह एक मात्र संतान है. हर समय मनीषा अपनी बेटी को लेकर चिंतित रहती थी. अजय ने उनकी इस चिंता को एक आईपैड के जरिये पूरा कर दिया. मनीषा आईपैड के जरिये अपनी बेटी अपूर्वा से डिजीटली कनेक्ट रहती हैं. सोशल नेटवर्किंग साइट्स के अलावा स्काइप के जरिये सुबह से ही अपने बिटिया से जुड़ जाती हैं. मनीषा बताती हैं कि वाट्सअप और स्काइप के जरिये बिटिया से लगातार बातचीत होती रहती है. लगता ही नहीं है कि वह हमसे इतनी दूर है. उसने आज क्या खाया, उसकी तबीयत कैसी है, आज उसके किस फ्रेंड का बर्थडे और उसने कैसे सेलिब्रेट किया जैसे छोटी छोटी बातों का भी मुझे पता चलता रहता है. एक मां के सारे फर्ज मैं अपने फोन और अपने लैपटॉप के जरिये पूरा करती हूं.
ऐसी ही एक दूसरे टेक्नो सेवी मदर हैं अंजली जैन. हाउस वाइफ हैं. तीन बेटों में सबसे छोटा बेटा रोहित दिल्ली में जॉब करता है. दो बेटे साथ ही रहते हैं. अंजली अपने छोटे बेटे को लेकर हमेशा परेशान रहती हैं. पर अपनी इस परेशानी का समाधान उन्होंने इंटरनेट इस्तेमाल करने का तरीका सीख कर ढूंढ लिया है. दिन में तीन चार बार बेटे से वीडियो कॉलिंग करती हंै. फेसबुक पर लगातार अपनी फोटो अपलोड करती हैं. बेटे को सख्त हिदायत दे रखा है कि हर फोटो पर कमेंट आना चाहिए. बेटा भी अपनी मां से मिलने को बहुत परेशान रहता है इसलिए उनकी हर फोटो पर कमेंट कर खुद भी खुश होता है और उन्हें भी खुशी देता है. अंजली का कहना है कि बेटा दूर है पर फेसबुक ने हम मां बेटे को करीब ला दिया है. थैंक्स फेसबुक.
सुंदरपुर में रहने वाली गरिमा की दो बेटियां है. एक थोड़ी बड़ी है तो एक न्यूली बॉर्न है. गरिमा आज के जमाने की मां हैं, इसलिए वो अपनी बच्ची को आज के जमाने के हिसाब से ही पाल रही हैं. बेटी को क्या खिलाना है, कब खिलाना है, क्या पहनाना है जैसी तमाम बातों की जानकारी वह इंटरनेट पर उपलब्ध पैरेंटिंग साइट्स से जुटाती हैं. सिर्फ इतना ही नहीं वे अपनी बच्ची की सारी परचेजिंग भी ऑनलाइन करती हैं. यहां तक की डायपर्स भी वे ऑनलाइन ही मंगाती है. गरिमा का कहना है कि नेट के जरिये उन्हें बेहतर पैरेंटिंग की बातें जानने को मिलती हैं. वह भी देश और दुनिया के बेहतरीन पैरेंटिंग एक्सपट्र्स से. दूसरे बच्ची के लिए लेटेस्ट डिजाइन व फैशन के हिसाब से कपड़े व अन्य दूसरी चीजें भी आसानी से मिल जाती हैं.