बताते चलें कि कृषि अधिकारी के पद पर तैनात एसएस बिष्ट के बालावाला के सैनिक बस्ती स्थित घर में बुधवार तड़के तीन बजे हथियार बंद बदमाश घुस आए. तीन घर के अंदर दाखिल हुए, जबकि दो बाहर ही देख-रेख के लिए खड़े हो गए.
सिर्फ डकैती नहीं बल्कि यह गुस्सा क्राइम के खिलाफ है
घर के अंदर घुसे हथियार बंद बदमाशों ने एसएस थपलियाल के अलावा उनकी पत्नी अंजली देवी, सास विदेश्वरी देवी को बुरी तरह पीटा. शोर सुनकर किराएदार शांति देवी व ऊपर के कमरे में सौ रहा पच्चीस वर्षीय बेटा अंकित भी मौके पर पहुंचे.
अंकित ने बदमाशों का विरोध किया तो उन्होंने अंकित के सीने में गोली मार दी. घर से लाखों की ज्वैलरी और हजारों का कैश लेकर डकैत मौके से भाग निकले. एसएस थपलियाल समेत सभी लोगों को सीएमआई अस्पताल में दाखिल कराया गया, जहां डॉक्टर ने अंकित को मृत घोषित कर दिया.
डकैती व मर्डर की इस वारदात से राजधानी में दहशत फैल गई. मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों को लोगों का गुस्सा झेलना पड़ा. स्थानीय जन प्रतिनिधियों को भी लोगों ने खूब खरी खोटी सुनाई, सभी जल्द घटना का खुलासा करने का आश्वासन देते दिखाई दिए, लेकिन आश्वासन की यह घुïट्टी लोगों के गुस्से को अधिक समय तक न दबा सकी.
बुधवार सुबह होते ही स्थानीय लोग हर्रावाला चौक पर जुटने लगे. करीब साढ़े आठ बजे अंकित के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार को ले जा रही बस को लोगों ने हर्रावाला चौक पर रोक दिया. सैकड़ों की संख्या में मौजूद महिलाओं व पुरुषों ने बस को सड़क के बीचों-बीच खड़ा कर हाइवे जाम कर दिया.
सूचना मिलते ही पुलिस में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में एसपी देहात मणिकांत मिश्रा, एसपी सिटी अजय सिंह सहित सिटी के अलग-अलग थानों से पुलिस बल मौके पर पहुंचा. अंकित के पार्थिव शरीर को देख सभी लोगों की आंखे नम हो गई. लोगों ने नम आंखों से अंकित के पार्थिव शरीर को ले जा रही बस को मौके से हरिद्वार के लिए रवाना किया और सड़क के बीचों बीच धरने पर बैठ गए.
लोग इस कदर गुस्से में थे कि उन्होंने सीएम हरीश रावत, सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, विधायक हीरा सिंह बिष्ट के अलावा डीएम व एसएसपी के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की. लोगों का कहना था कि राजधानी में कानून व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है. पुलिस अपनी जेब भरने में लगी हुई है. क्षेत्र में अवैध खनन के काम में पुलिस लिप्त है, लेकिन लोगों की सुरक्षा के प्रति कोई ध्यान नहीं है. उन्होंने कहा कि यह सब कुछ सत्ता में बैठे नेताओं के संरक्षण में चल रहा है.
मौके पर मौजूद एसपी देहात मणिकांत मिश्रा व एसपी सिटी अजय सिंह ने प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर जाम खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारी डीएम को मौके पर बुलाने की मांग करने लगे. इसी दौरान स्थानीय विधायक हीरा सिंह बिष्ट भी मौके पर पहुंचे. उन्हें भी लोगों का गुस्सा झेलना पड़ा.
जिलाधिकारी को मौके पर बुलाने के लिए विधायक हीरा सिंह ने भी इधर-उधर फोन घुमाए, लेकिन नतीजा सिफर रहा. प्रदर्शनकारी उग्र्र थे. जोरों से नारेबाजी शुरू हो गई. दोपहर करीब एक बजे एसडीएम सदर एमएस बर्नियां मौके पर पहुंचे. उनके द्वारा वारदात का तीन दिन में खुलासा किए जाने के आश्वासन पर प्रदर्शनकारी शांत हुए जाम खुला.
करीब पांच घंटे तक चले जाम से सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई. पुलिस ने वैकल्पिक मार्ग के तौर सिटी से ही वाहनों को अलग-अलग रूट से ऋषिकेश व हरिद्वार के लिए रवाना किया.
आईएसबीटी से जाने वाले वाहनों को बाईपास चौकी से दुधली की तरफ भेजा गया. जबकि जोगीवाला से डोईवाला की तरफ जाने वाले वाहनों को रिंग रोड से रवाना किया गया.
यही स्थिति डोईवाला से सिटी की तरफ आने वाले वाहनों की रही, लेकिन अधिक समय तक चले इस जाम के कारण वैकल्पिक मार्गों पर भी जाम की स्थिति हो गई. क्योंकि सिंगल रोड के अलावा टूटे फूटे इस मार्ग पर अचानक वाहनों का दबाव बढ़ा.