घाट की गंदगी साफ करने के बाद लड़कों ने लगभग 70 फूल के गमले लगाए हैं. सीढिय़ों पर जमे सिल्ट की डेली सफाई के लिए लड़कों ने आपस में चंदा मिलाकर पचास हजार रुपये की पम्पिंग सेट मशीन भी परचेज किया है. रेत की तरह ढह चुके घाट की सीढिय़ों की रिपयेरिंग कराई और घाटों से जल निकासी के लिए नाली भी बनाई है.
नर्क को बना डाला स्वर्ग
घाट पर गंदगी नहीं हो पाए इसके लिए जगह-जगह लकड़ी के डस्टबिन रखे गए हैं. टूरिस्ट्स सहित आस-पास के लोग गंदगी न करें, इसके लिए स्वच्छता बोर्ड टांग कर अवेयर किया जा रहा है. कुछ नया करने के जुनून में रमे इन लड़कों ने ठाना है कि बिना किसी हेल्प के इस घाट को सभी घाटों से ज्यादा अट्रैक्टिव बनाएंगे.
उन लड़कों को शुरुआत में घाट को चमकाने में बहुत मुश्किलें आईं. सुबह-शाम घाट को साफ किया जाता था लेकिन रात में फिर गंदगी हो जाती थी. इसलिए गु्रप के आधा दर्जन लड़के रात भर जागकर घाट की पहरेदारी करते थे. इसके बाद लाइटिंग का शानदार डेकोरेशन किया. धीरे-धीरे फूल-पौधे के गमले रखना शुरू किया तो गंदगी अपने आप मिटती गई.
इन लड़कों की ओर से घाट पर साफ-सफाई बरकरार रखने के लिए डेली झाड़ू लगाया जाता है.
गमलों में डेली पानी डाला जाता है. इसके लिए सभी का एक टाइम शेड्यूल फिक्स है. इन लड़कों की ओर से सप्ताह में एक बार कल्चरल प्रोग्राम सहित अन्य तरह का इवेंट भी अयोजित किया जाता है. ताकि साफ-सफाई को लेकर लोग अवेयर हो सके.