फिल्म 'तारे जमीं पर' (2007) :2007 में दर्शील ने फिल्म 'तारे जमीं पर' से अपने फिल्मी कॅरियर की शुरुआत की. फिल्म में वह डिस्लेक्सिया से पीड़ित नन्हे, शरारती इशान नाम के बच्च्ो के किरदार में नजर आए हैं. फिल्म के लिए इन्हें छह अलग-अलग तरह के अवॉर्ड्स मिले.
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फिल्म 'मिड नाइट्स चिल्ड्रेन्ा' (2012) :सलमान रुश्दी की मिडनाइट्स चिल्ड्रेन को बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इसे भारत और पाकिस्तान के विभाजन की सबसे मार्मिक कहानियों में गिना जाता है. फिल्म की कहानी आधारित है दो बच्चों पर. वे 14 अगस्त 1947 में पैदा होते हैं. बच्चों की देखभाल करने वाली आया का किरदार सीमा बिसवास ने निभाया है. वह दोनों बच्चों को बदल देती है. सत्या भाभा ने सलीम सिनाई की जबरदस्त भूमिका निभाई है. शाहाना गोस्वामी ने उनकी मां का व राहुल बोस ने उनके मामा का किरदार निभाया है. फिल्म के अंत में सीमा बिस्वास सलीम के बेटे की खोई मां की जगह ले लेती है. सबके लिए प्यार की मिसाल कायम करती है.
फिल्म 'जोकोमन' (2011) :फिल्म में जोकोमन बाल सुपर हीरो के रूप में नजर आया है. यह किरदार कुनाल के नाम से निभाया है दर्शील ने. फिल्म में एक परिवार की कहानी है, लेकिन साथ ही बाहर की खूबसूरत दुनिया का निर्माण किया गया है. चाचा देशराज की निगरानी में पल रहे कुनाल को अचानक अपने बारे में एक राज पता चलता है कि उसके पास कुछ ऐसी शक्ति है, जिससे वो शक्तिशाली हो सकता है. वो अपने अन्याय के प्रति आवाज उठाने के लिए उसी शक्ति का सहारा लेता है और अचानक वह शक्तिशाली जोकोमन का रूप ले लेता है. इसमें उनकी मदद उसके अंकल करते हैं.
फिल्म 'बम बम बोले' (2010) :निर्देशक प्रियदर्शन की फिल्म 'बम बम बोले' में भी दर्शील के रोल को दर्शकों की खूब सराहना मिली. फिल्म में दर्शील के अलावा अतुल कुलकर्णी, रितुपर्णा सेनगुप्ता और जिया वास्तानी भी नजर आए हैं. फिल्म की कहानी कुछ ऐसी है कि चाय के बागानों में काम करके मुश्किल से दो वक्त की रोजी रोटी चला रहे खोगी राम (अतुल कुलकर्णी) और उसकी पत्नी (रितुपर्णा सेनगुप्ता) का सपना है कि उनके दोनों बच्चे पिनू (दर्शील सफारी) और रिमझिम (बेबी जिया) पढ़ लिख कर नाम कमाएं. अपने इस सपने को पूरा करने के लिए दोनों बच्चे भी दिन रात मेहनत करते है.