टीम इंग्लैंड के ओपनर जेसन रॉय ने तीन मैचों की इस सीरीज में अपने पिछले आठ ODI के स्कोरबोर्ड को कायम रखा। पिछले आठ ODI की तरह इस बार भी इन्होंने हाफ सेंचुरी मारकर टीम की जीत में अपना योगदान दिया। ग्राउंड में बैटिंग के लिए सैम बिलिंग के साथ उतरे रॉय ने कुल 98 रन बनाए।
India vs England : तस्वीरों में देखिए, इस ODI सीरीज के वो बेहतरीन पल जो बन गए यादगार


इंग्लैंड के खिलाफ इस सीरीज को खेलने से पहले ही एम एस धोनी ने टीम इंडिया की कप्तानी छोड़ी है। इसके बावजूद पूरी सीरीज में वह विराट कोहली के लिए काफी सहज रहे और उनकी मदद के लिए हमेशा स्टांप के पीछे बतौर निर्णायक खड़े रहे।

टीम इंडिया की ओर से हार्दिक पांड्या सीरीज के सबसे बड़े विकेट टेकर साबित हुए। पूरी सीरीज में इन्होंने इंग्लैंड के 5 विकेट लपके। वहीं सीरीज के आखिरी मैच में पांड्या ने तीन विकेट झटके। इन विकेट्स के जरिए इन्होंने टीम इंग्लैंड के इयॉन मोर्गन, जोस बटलर और जॉनी बेयरस्टो को हराया।

इंग्लैंड के ऑल राउंडर बेन स्टोक्स ने एक बार फिर शानदार पारी खेली। सीरीज के आखिरी मैच में इन्होंने टीम इंडिया के खिलाफ खेलते हुए 4 बाउंड्रीस और दो छक्कों के साथ 57 रनों का योगदान किया। इस तरह से ये उनका ODI में 9वां और इस सीरीज का दूसरा मैच बना, जिसमें उन्होंने हाफ सेंचुरी मारी।

महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह ने पहले ही इस बात की जिम्मेदारी ले ली कि वह टीम इंग्लैंड को किसी भी कीमत पर उनका फायदा नहीं उठाने देंगे। अपनी इसी बात पर दोनों ने मिलकर 2-0 की सीरीज में अपने 256 रनों का योगदान दिया।

भारतीय टीम में इस सीरीज के साथ जबरदस्त वापसी की धुरंदर बल्लेबाज युवराज सिंह ने। सीरीज के दूसरे मैच में इन्होंने 6 गेंदों पर छह छक्के मारते हुए इंग्लैंड के खिलाफ 150 रनों का योगदान दिया। सेंचुरी के साथ अपनी बेहतरीन वापसी का सबूत देते हुए युवी ने ये जता दिया कि आज भी टीम इंडिया के पास उनके जैसे कई धाकड़ प्लेयर्स हैं।

इडेन गार्डेन वाले मैच के दौरान एम एस धोनी को कपिल देव ने ग्राउंड पर आकर सम्मानित किया। इसी के साथ धोनी के फैन्स को उम्मींद थी कि इस बार भी वह अपने प्रदर्शन से सबको चौंका देंगे, लेकिन इस मैच में वो कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके। आखिर में जैक बॉल की गेंद पर जॉस बटलर ने इन्हें कम रन पर ही कैच आउट कर दिया।

केदार जाधव ने इस सीरीज में 77.33 की औसत से 232 रन बनाए। वहीं आखिरी मैच में इन्होंने हार्दिक पांड्या के साथ मिलकर 104 रनों का योगदान करते हुए इंग्लैंड के खिलाफ जीत दिलाने की कोशिश की। इसके बावजूद टीम इंडिया इंग्लैंड के कुल 321 रनों का सामना न कर सकी।

विराट कोहली और उनके सहयोगी 2-0 से ये सीरीज पहले ही टीम इंडिया के नाम करा चुके थे।

सीरीज के आखिरी मैच में एक बार फिर भारतीय सलामी बल्लेबाज के रूप में उतरे पहले दोनों प्लेयर शुरुआती छह ओवरों में ही बैक टू पवेलियन हो गए। इसके बावजूद अभी इयॉन मोर्गन और को स्टील के सामने विराट कोहली एक बड़े चैलेंज के रूप में थे। बता दें कि कोहली ने अपनी पहली सीरीज में फुल टाइम कैप्टनशिप निभाई और जबरदस्त प्रदर्शन किया। जौस बटलर के कैच से पहले उन्होंने आठ चौकों के साथ खुद की कैप्टेनसी को साबित कर दिया।