आम आदमी पार्टी ने भी लोकसभा चुनावों की पूरी तैयारी कर ली है. आप ने कानून व्यवस्था मुद्दा, महिला सुरक्षा, संसद में सशक्त जनलोकपाल बिल पास कराने के साथ ही दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को उठाने, यमुना को प्रदूषण मुक्त करने, ओखला में कूड़े से बिजली बनाने के प्लांट से होने वाले प्रदूषण को रोकने, नई लैंडफिल साइट बनाने का वादा किया गया है.
Political parties and their Manifestos
घोषणा पत्र को रीलीज करने में बीजेपी इस बार सबसे पीछे रही. बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में महंगाई से निपटने के लिए विशेष फंड,फसल उत्पादन के लिए रियल टाइम डाटा,कालेधन को लाने के लिए विशेष कानून,कालाबाजारी रोकने के लिए विशेष अदालतें,अयोध्या में राममंदिर,विदेशी किराना खुदरा में नहीं,भ्रष्टाचार रोकने के लिए ई-गवर्नेस,रोजगार केंद्र को करियर सेंटर,आतंकवाद रोकने के लिए कानून,भारत में बुलेट ट्रेन योजना जैसे ढ़ेरों मुद्दों पर फोकस किया है.
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में स्वास्थ्य का अधिकार, पेंशन का अधिकार, सामाजिक सुरक्षा का अधिकार और आवास का अधिकार सहित छह समाजिक आर्थिक अधिकारों की एक महत्वाकांक्षी कार्य योजना लागू करने और 80 करोड़ की आबादी को मध्य वर्ग में लाने का वादा किया.
समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणा पत्र जारी करते हुए सभी वर्गो को लुभाने की कोशिश की. किसानों, पिछड़ों, अल्पसंख्यक, व्यापारियों और बेरोजगारों के साथ सवर्णो पर भी सपा ने अपने घोषणा पत्र में दरियादिली दिखाई है.
लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली पार्टी आरजेडी ने अपने घोषणा पत्र में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने, किसानों को मनरेगा के माध्यम से कृषि श्रमिक उपलब्ध कराने, केंद्र प्रायोजित व अन्य योजनाओं में अनुबंध पर नियोजित कर्मियों की सेवा नियमित करने, सवर्ण जाति के गरीबों को आरक्षण और सभी बुजुर्गों को पेंशन देने का वादा किया है.