संकटमोचन संगीत समारोह की तीसरी निशा में शुक्रवार को फिल्म जगत के प्रख्यात पाश्र्व गायक सुरेश वाडेकर का जादू छाया. अपने सधे गले से उन्होंने एक से बढ़कर एक गीतों की माला हनुमत चरणों में पेश किये. वाडेकर ने 'ओंकार स्वरूपाय सत्यरुप समर्थाय...Ó पंक्तियों से गुरु स्मरण के बाद पुराने प्रासंगिक फिल्म गीत 'सीने में जलन, आंखों में तूफान सा क्यूं है...Ó के जरिए वर्तमान दौर से सामना कराया. 'अजहूं न आए बालम सावन बीता जाए...Ó में शानदार लयकारी दिखाई तो सदमा फिल्म के गीत 'ऐ जिंदगी गले लगा ले, हमने भी तेरे हर एक गम को गले से लगाया है...Ó से जिंदगी का फलसफा सुनाया. तबले पर उनका साथ मुंबई के ही पं. ओजस आथिया ने दिया.
श्रद्धा और उल्लास के साथ समर्पित की साधना
5 photos | Updated Date: Sun, 12 Apr 2015 00:15:54 (IST)
संकटमोचन संगीत समारोह के मंच पर तीन पीढिय़ों ने अपनी कला साधना प्रदर्शित की. दिल्ली के हशमत खां, उनके पुत्र उस्ताद अकरम खां व पौत्र जरगाम अकरम खां ने तबले की टनकार से प्रभु आराधना की. उन्होंने तीन ताल में अजरारा व दिल्ली घराने की पेशकारी, कायदा, टुकड़ा, रेला, बजाया. इसमें अपना निराला अंदाज दिखाया और हाजिरी लगाई. हारमोनियम पर पं. धर्मनाथ मिश्र ने लहरा दिया. इससे पहले हैदराबाद के डॉ. येल्ला वेंकटेश्वर राव ने मृदंगम् पर थाप दी.
संकटमोचन संगीत समारोह की चौथी निशा में दिग्गज कलाकारों ने दी प्रस्तुतियां
प्रख्यात ओडिसी डांसर रति व सुजाता महापात्र ने दी बेहतरीन प्रस्तुति
संकटमोचन संगीत समारोह की चौथी निशा का आगाज प्रख्यात ओडिसी डांसर रतिकांत महापात्रा व सुजाता महापात्रा की प्रस्तुति से हुआ.