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तस्‍वीरों में देखें, इन हिंदी फ‍िल्‍मों का भी आधार रहा एक्‍सट्रा मैरिटल रिलेशनशिप

8 photos    |   Updated Date: Sat, 13 Jun 2015 12:13:43 (IST)
1/ 8तस्‍वीरों में देखें, इन हिंदी फ‍िल्‍मों का भी आधार रहा एक्‍सट्रा मैरिटल रिलेशनशिप
तस्‍वीरों में देखें, इन हिंदी फ‍िल्‍मों का भी आधार रहा एक्‍सट्रा मैरिटल रिलेशनशिप

'कभी अलविदा न कहना' (2006) : निर्देशक : करन जौहर फ‍िल्‍म का दिल छूने वाला पहलू: फ‍िल्‍म में दो खास किरदार हैं देव (शाहरुख खान) और रिया (प्रीति जिंटा)। दोनों एकदूसरे से नाखुश कपल है, क्‍योंकि दोनों एकदूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ते। वहीं एंट्री होती है ऋषि (अभिषेक बच्‍चन) और माया (रानी मुखर्जी) की। इन्‍होंने एकदूसरे से प्‍यार से ज्‍यादा सामाजिक मूल्‍यों को ध्‍यान में रखकर शादी की। फ‍िल्‍म के मोड़ पर देव और माया आपस में टकराते हैं और उसके बाद से दोनों एक-दूसरे की तरफ आकर्षित होते हैं। दोनों को आपस में प्‍यार हो जाता है। उसके बाद काफी मेहनत, आसुओं और लड़ाई, झगड़े व कड़वाहट के बाद दोनों एकदूसरे से हमेशा के लिए मिल जाते हैं। कैसा रहा प्रदर्शन : हालांकि फ‍िल्‍म को काफी संवेदनशीलता के साथ छुआ गया है, लेकिन फ‍िल्‍म में इवेंट्स का सीक्‍वेंस बहुत हद तक दर्शकों को छू नहीं पाता। ऐसे में कुछ ही दर्शक ऐसे रहे, जिन्‍होंने फ‍िल्‍म को पसंद किया।

2/ 8तस्‍वीरों में देखें, इन हिंदी फ‍िल्‍मों का भी आधार रहा एक्‍सट्रा मैरिटल रिलेशनशिप
तस्‍वीरों में देखें, इन हिंदी फ‍िल्‍मों का भी आधार रहा एक्‍सट्रा मैरिटल रिलेशनशिप

'आखिर क्‍यों?' (1985) : निर्देशक : जे ओम प्रकाश फ‍िल्‍म का दिल छूने वाला पहलू : फ‍िल्‍म में कहानी है निशा (स्मिता पाटिल) की। अपने पति (राकेश रोशन) को छोड़ने के बाद निशा फैसला करती हैं अपनी जिंदगी को एक नई दिशा देने की। निशा ने अपने पति को इसलिए छोड़ा क्‍योंकि उसे उनके एक्‍सट्रा मैरिटल रिलेशनशिप के बारे में मालूम पड़ चुका है, जो कि निशा की बहन (टीना मुनीम) के साथ ही हैं। उसी दौरान निशा की मुलाकात आलोक (राजेश खन्‍ना) से होती है। दोनों एकदूसरे से प्‍यार करने लगते हैं और आखिर में दोनों शादी कर लते हैं। फ‍िल्‍म भारतीय समाज के उसूलों पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। कैसा रहा प्रदर्शन : फ‍िल्‍म भले ही सामाजिक मूल्‍यों पर सवालिया निशान लगाती हो, लेकिन इसे दर्शकों ने खूब पसंद किया। बॉक्‍स ऑफ‍िस पर इसे जबरदस्‍त सफलता मिली।

3/ 8तस्‍वीरों में देखें, इन हिंदी फ‍िल्‍मों का भी आधार रहा एक्‍सट्रा मैरिटल रिलेशनशिप
तस्‍वीरों में देखें, इन हिंदी फ‍िल्‍मों का भी आधार रहा एक्‍सट्रा मैरिटल रिलेशनशिप

'अर्थ' (1982) : निर्देशक : महेश भट्ट फ‍िल्‍म का दिल छूने वाला पहलू : ये सेमीऑटोबायोग्राफ‍िकल फ‍िल्‍म थी। फ‍िल्‍म बहुत कुछ निर्देशक महेश भट्ट की जिंदगी को छूती नजर आती है। फ‍िल्‍म का मुख्‍य किरदार हैं पूजा (शबाना आजमी)। पूजा एक आत्‍मनिर्भर महिला हैं। पति से धोखा खाने के बाद वह पूरी तरह से टूट चुकी हैं। जिंदगी के सफर पर आगे बढ़ते हुए इनकी मुलाकात होती है अपने रियल हीरो से। इनका हाथ थामकर जिंदगी के सफर पर आगे बढ़ते हुए काफी उतार-चढा़वों से होकर गुजरती है फ‍िल्‍म। कैसा रहा प्रदर्शन : फ‍िल्‍म को बॉक्‍स ऑफ‍िस पर भरपूर सराहना मिली। यही नहीं इस फ‍िल्‍म में जबरदस्‍त एक्टिंग के लिए शबाना आजमी को राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार से भी सम्‍मानित किया गया।

4/ 8तस्‍वीरों में देखें, इन हिंदी फ‍िल्‍मों का भी आधार रहा एक्‍सट्रा मैरिटल रिलेशनशिप
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'पति, पत्‍नी और वो' (1978) : निर्देशक : बी आर चोपड़ा फ‍िल्‍म का दिल छूने वाला पहलू : एक दौर ऐसा था जब कई एक्‍सट्रा मैरिटल रिलेशनशिप पर आधारित फ‍िल्‍में सीरियस मोड पर चल रही थीं, तभी इस विषय पर आधारित फ‍िल्‍म में हास्‍य का पुट डाला बी आर चोपड़ा ने। इनकी फ‍िल्‍म 'पति, पत्नि और वो' ने दर्शकों का खूब एंटरटेनमेंट किया। फ‍िल्‍म में रंजीत चढ्ढा (संजीव कुमार) और शारदा (विद्या सिन्‍हा) एकदूसरे से प्‍यार करते हैं और शादी कर लेते हैं। इसके बाद दोनों के एक बेटा होता है और उसके बाद इनकी जिंदगी से हर रस गायब हो जाता है। तभी फ‍िल्‍म में एंट्री होती है निर्मला देशपांडे (रंजीता जौर) की। रंजीत निर्मला से मिलता है और उससे भी प्‍यार करने लगता है। उसके बाद जब इन दोनों के अफेयर के बारे में शारदा को मालूम पड़ता है तो आ जाता है एक भूचाल।

5/ 8तस्‍वीरों में देखें, इन हिंदी फ‍िल्‍मों का भी आधार रहा एक्‍सट्रा मैरिटल रिलेशनशिप
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'एक ही भूल' (1981) : निर्देशक : टी रामा राव फ‍िल्‍म का दिल छूने वाला पहलू : फ‍िल्‍म की कहानी घूमती है एक शादीशुदा जोड़े राम (जितेंद्र) और साधना (रेखा) के इर्द-गिर्द। फ‍िल्‍म ड्रामा, कॉमेडी और एक्‍शन से भरपूर है। इस शादीशुदा जोड़े के बीच दरार आ जाती है। उसके बाद फ‍िल्‍म में एंट्री होती है शबाना आजमी की। फ‍िल्‍म में शादी और उसके बाद तलाक की जटिलता को दिखाया गया है। ये सभी वाक्‍ये होते हैं एक मिडिल क्‍लास फैमिली में ही और इस तरह से ये जुड़ जाती है एक बड़े वर्ग के ऑडियंस के साथ। कैसा रहा प्रदर्शन : फ‍िल्‍म ने बॉक्‍स ऑफ‍िस की खिड़की पर अनुमान से ज्‍यादा बिजनेस किया। दर्शकों को फ‍िल्‍म पसंद आई।

6/ 8तस्‍वीरों में देखें, इन हिंदी फ‍िल्‍मों का भी आधार रहा एक्‍सट्रा मैरिटल रिलेशनशिप
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'गाइड' (1965) : निर्देशक : विजय आनंद फ‍िल्‍म का दिल छूने वाला पहलू : आर के नारायण के उपन्‍यास पर आधारित फ‍िल्‍म 'गाइड' में कहानी है राजू (देव आनंद) की। राजू पेशे से गाइड है। अपने इसी पेशे को निभाते-निभाते राजू की मुलाकात होती है रोजी (वहीदा रहमान) से। रोजी एक वैश्‍या की बेटी है, जो अपनी शादीशुदा जिंदगी का काफी नाखुश है। एक सफर के दौरान रोजी की मुलाकात राजू से होती है। धीरे-धीरे दोनों एकदूसरे के करीब आने लगते हैं। ईर्ष्‍या, लालच और घमंड से भरी इस फ‍िल्‍म ने हिंदी सिनेमा को एक ऐसा गाइड दिया, जिसने इस प्रोफेशन की कीमत में वजन डाल दिया। कैसा रहा प्रदर्शन : फ‍िल्‍म बॉक्‍स ऑफ‍िस पर जबरदस्‍त हिट रही। इसके किरदारों को बेस्‍ट एक्‍टर, बेस्‍ट एक्‍ट्रेस व बेस्‍ट डायरेक्‍टर के लिए राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार भी मिला।

7/ 8तस्‍वीरों में देखें, इन हिंदी फ‍िल्‍मों का भी आधार रहा एक्‍सट्रा मैरिटल रिलेशनशिप
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'Life In A... Metro' (2007) : निर्देशक : अनुराग बासु फ‍िल्‍म का दिल छूने वाला पहलू: फ‍िल्‍म में कई कहानियां एक साथ चलती हैं। इनमें से एक होती है कहानी शिखा (शिल्‍पा शेट्टी) की। शिखा बिना प्‍यार की और एक कड़वी जिंदगी जीने को मजूबर है। अपने पति की नजरअंदाजगी को झेलते हुए वह परिवार की जरूरतों को पूरा करने में लगी रहती है। इतने में इनकी जिंदगी में एंट्री होती है एक उभरते हुए आर्टिस्‍ट आकाश (शाइनी आहूजा) की। दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगते हैं। दोनों को एक-दूसरे का साथ अच्‍छा लगने लगता है, लेकिन जल्‍द ही शिखा को अहसास हो जाता है कि ये गलत है। वो वापस लौट जाती है अपनी शादी-शुदा जिंदगी में। शिखा की जिंदगी उन महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी जो शादी के बाद इस राह पर निकल पड़ी हैं और आगे फैसला लेने में नाकामयाब रही हैं। कैसा रहा प्रदर्शन : समीक्षकों द्वारा फ‍िल्‍म की काफी प्रशंसा की गई। बॉक्‍स ऑफ‍िस पर भी फ‍िल्‍म को अच्‍छा रिस्‍पॉन्‍स मिला। दर्शकों ने फ‍िल्‍म के पॉज‍िटिव साइड पर गौर किया और उसे सराहा।

8/ 8तस्‍वीरों में देखें, इन हिंदी फ‍िल्‍मों का भी आधार रहा एक्‍सट्रा मैरिटल रिलेशनशिप
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'अस्तित्‍व' (2000) : निर्देशक : महेश मांजरेकर फ‍िल्‍म का दिल छूने वाला पहलू : फ‍िल्‍म कहानी बयां करती है एक अकेली और चिड़चिड़ी हो चुकी पत्‍नी (तब्‍बू) की। अपने पति की गैरमौजूदगी में इनका अफेयर हो जाता है इनके म्‍यूजिक टीचर से। फ‍िल्‍म पितृसत्तात्मक वर्चस्व और घरेलू हिंसा के धरातल को भी छूती है। बॉलीवुड के कई निर्देशक जब इस तरह की फ‍िल्‍म के विषय को छू चुके थे, तब इस फ‍िल्‍म में निर्देशक ने कुछ अलग हटकर देने की कोशिश की। कैसा रहा प्रदर्शन : फ‍िल्‍म दर्शकों को बहुत ज्‍यादा प्रभावित नहीं कर सकी और बॉक्‍स ऑफ‍िस पर आकर धड़ाम हो गई।

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