बादलों की छांव में घाटों का विहंगम दृश्य.
बादलों की छांव में बनारस
उमड़े बादल तो बनारस के घाटों पर कुछ यूं नजर आई छांव.
गंगा में पड़ाव डालें नावें भी छांव में कुछ अलग ही नजर आईं.
भगवान भोलेनाथ का त्रिशूल भी मानो बादलों से कह रहा है कि मेघा रे... बरसो रे.
बादलों की छांव में उमस से छुटकारा पाने को गंगा में छलांग तो बनती है.
बादलों संग तेज हवा चली तो लहरों की अठखेलियां भी देखने को मिलीं.
बनारस के कैंट रेलवे स्टेशन का कुछ ऐसा दिखा बादलों की छांव में नजारा.
बादल न जाने कब बरस जाएं ऐसे में अच्छा है कि छाता साथ लेकर चला जाए.
बादलों को छूने का बेताब नदेसर स्थित जामा मस्जिद की मीनार.
कभी इतने गहरे हो गए बादल मानो अब बरस ही पड़ेंगे.
छांव के बीच कुछ घाटों पर एक अलग सी खूबसूरती नजर आई.
पेड़ भी जैसे कर रहे हो बादलों से बरसने की गुजारिश.
घाटों पर थोड़ी-थोड़ी देर पर बादलों ने दिखाया धूप-छांव का खेल
बादलों के साथ खूबसूरत शाम को एंजॉय करने राजेन्द्र प्रसाद घाट पर उमड़ी भीड़.
घाट किनारे सुहाने मौसम को कैमरे में कैद करने की कोशिश.