- उरुवा बाजार कस्बे में छुट्टा सुअरों का आतंक, सो रहे लोगों को चारपाई से गिरा देते हैं

- अमोढ़ा के एक व्यक्ति के हैं सुअर, छोड़ गया है कस्बे में

URUVA BAZAR: उरुवा बाजार कस्बे में सुअरों ने आतंक मचा रखा है। दरवाजा खोलते ही सुअर अंदर घुस जाते हैं। घर के बाहर सो रहे लोगों को चारपाई से गिरा देते हैं तो कभी चारपाई के नीचे लेट जाते हैं। आस-पास मंडराते सुअरों ने लोगों के दिलों में खौफ पैदा कर दिया है। इंसेफेलाइटिस प्रभावित एरिया होने के कारण लोग डरे हुए हैं कि कहीं कस्बे में संक्रामक बीमारियों न फैल जाएं। कस्बे के लोगों ने सुअरों को भगाने और सुअर मालिक पर कार्रवाई करने की मांग की है।

करता है निगरानी

कस्बे के लोगों का कहना है कि कस्बे में घूम रहे दर्जनों सुअर अमोढ़ा गांव निवासी एक व्यक्ति के हैं। वह इन सुअरों को यहां छोड़कर चला गया है। एक दो दिन पर इनकी निगरानी करने आता है। लोगों ने कई बार उससे सुअरों को यहां से ले जाने को कहा लेकिन वह कस्बेवासियों की बात नहीं मानता। सुअर नए पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं तो बच्चों को भी उनसे खतरा रहता है।

आबादी के लिए खतरनाक

सूअर का कस्बे में रहना लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। आबादी के बीच में सुअर पालन होना ही नहीं चाहिए। यह गैर कानूनी भी है। इस ंसबंध में उरुवा स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्साधिकारी डॉ। उमर हसमत अंसारी कहते हैं कि पूर्वाचल में इंसेफेलाइटिस महामारी के रूप में है। ऐसे में आबादी के बीच में सुअरों के रहने से जेई व एईएस के कीटाणु बढ़ेंगे।

हो सकता है इंसेफेलाइटिस

डॉ। हसमत अंसारी का कहना है कि यदि कोई मच्छर सुअर को काटने के बाद किसी बच्चे को काट लेगा तो वह बच्चा जेई-एईएस की चपेट में आ सकता है। साथ ही सुअरों के रहने वाले जगह का पानी दूषित हो जाता है। इससे डायरिया, कालरा, पीलिया, टायफाइड का खतरा बढ़ जाएगा।

जो पीडि़त हैं वे प्रार्थनापत्र दें। मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में आईपीसी की धारा 137 के तहत आरोपी पर कार्रवाई की जा सकती है।

- नलिनीकांत सिंह, एसडीएम, गोला