कोच्चि (एएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईएएनएस को नौसेना को सौपनें से पहले गार्ड ऑफ ऑनर प्राप्त किया, कमीशनिंग समारोह के लिए पहुंचने पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर मिला। भारतीय नौसेना के इन-हाउस वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो (WDB) द्वारा डिजाइन किया गया यह जहाज कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित, पोर्ट, शिपिंग करने के लिए सबसे बड़ा शिपयार्ड है। विक्रांत को हाईटेक ऑटोमेशन सुविधाओं के साथ बनाया गया है। यह अबतक का भारत के समुद्री इतिहास में निर्मित सबसे बड़ा जहाज है। इसका नाम भी भारत के पहले विमान वाहक आईएएनएस विक्रांत के नाम पर रखा गया है। बता दें कि इससे पहले आईएएनएस विक्रांत जहाज ने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

देश की सुरक्षा श्रेणी को करेगा मजबूत

इस विक्रांत में बड़ी मात्रा में स्वदेशी उपकरण और मशीनरी हैं, जिसमें देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों के साथ-साथ 100 से अधिक एमएसएमई शामिल हैं। विक्रांत के चालू होने के बाद अब भारत के पास दो ऑपरेशनल एयरक्राफ्ट कैरियर होंगे, जो देश की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेंगे। भारतीय नौसेना के अनुसार, 262 मीटर लंबे वाहक का वजन 45,000 टन है और यह पुराने विक्रांत से बड़ा भी है। इस पानी के विमान की विशेषता बताते हुए वाइस एडमिरल हम्पीहोली ने कहा था कि विक्रांत में लगभग 30 विमानों का मिश्रण होता है। यह मिग 29k लड़ाकू विमान को एंटी-एयर, एंटी-सरफेस और लैंड अटैक भूमिकाओं में उड़ा सकता है। इसके साथ ही यह कामोव 31 को भी कैरी करने के लिए सक्षम है।

विमान में 14 डेक शामिल

विक्रांत बनाने के बाद भारत अब उन देशों के ग्रुप में शामिल हो गया है जिनके पास स्वदेशी रूप से एक विमान वाहक डिजाइन और निर्माण करने की क्षमता है। IAC विक्रांत में 2,300 डिब्बों के साथ 14 डेक हैं जो लगभग 1,500 समुद्री योद्धाओं को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह 88 मेगावाट बिजली की चार गैस टर्बाइन द्वारा चलता है। यह 28 मील/घंटा की रफ्तार से चल सकता है। इस जहाज को 20,000 हजार करोड़ की लागत से बनाया गया है। इसे बनाने के लिए इसे तीन परियोजना में बांटा गया था। जो मई 2007, दिसंबर 2014 और अक्टूबर 2019 में संपन्न हुआ।

मेक इन इंडिया को मिला बढ़ावा

76 प्रतिशत की समग्र स्वदेशी सामग्री के साथ IAC 'आत्मनिर्भर भारत' का एक बड़ा उदाहरण है। इसे कई हाइटेक पार्टस से बनाया गया है। इसके अलावा यह जहाज पूरा स्वदेशी उत्पाद है। यह एक साथ कई आकाशी लड़ाकू विमानों को कैरी कर सकता है। आईएएनएस व्रिकांत 3D वर्चुअल रियलिटी मॉडल और बेरतरीन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के उपयोग के साथ बनाया गया है।

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