नई दिल्ली (एएनआई)। PM Modi in Varanasi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी के दाैरे पर हैं। इस दाैरान प्रधानमंत्री ने काशी नगरी को बड़ी साैगात दी। न्यूज एजेंसी एएनआई के ट्वीट के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में 1780 करोड़ की लागत की 28 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। पीएम ने देश की पहली पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना की आधारशिला रखी। इस परियोजना से काशी में जाम से छुटकारा मिल जाएगा। पर्यटकों को भी परेशानी नहीं होगी। इस दाैरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि काशी के विकास की चर्चा देश ही नहीं पूरी दुनिया में हो रही है। यहां आने वाल व्यक्ति यहां से एक नई ऊर्जा लेकर जा रहा है। 8-9 साल पहले जब काशी के लोगों ने अपने शहर के कायाकल्प का संकल्प लिया था तो बहुत लोगों को लगता था कि बनारस में बदलाव नहीं हो पाएगा लेकिन काशी के लोगों ने कर दिखाया। आज काशी नगरी पूरी तरह से बदल गयी है। रोड हो, पुल हो, रेल हो, एयरपोर्ट हो, कनेक्टिविटी के तमाम नए साधनों ने काशी आना-जाना बहुत आसान कर दिया है। बनारस के लोगों के प्रयासों के कारण काशी में 1 साल के भीतर 7 करोड़ से अधिक पर्यटक आए। इसकी वजह से यहां पर आय के साधन भी बढे।

प्रधानमंत्री मोदी ने इन लोगों से की मुलाकात
बता दें कि सुबह वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में 'वन वर्ल्ड टीबी समिट' को संबोधित करते हुए टीबी-मुक्त पंचायत के साथ विभिन्न पहलों की शुरुआत की। यह शिखर सम्मेलन केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) और स्टॉप टीबी पार्टनरशिप द्वारा आयोजित किया गया। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'स्वस्थ दृष्टि, समृद्ध काशी' अभियान के लाभार्थियों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसद खेल प्रतियोगिता के विजेताओं के साथ भी मुलाकात की। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में ऋण योजनाओं के लाभार्थियों के साथ बातचीत कर उनके विचार जाने।

करीब 10 लाख टीबी रोगी गोद लिए गए
'वन वर्ल्ड टीबी समिट' में पीएम ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में 'निक्षय मित्र' जैसी पहलों के माध्यम से जनभागीदारी ने तपेदिक के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी भूमिका निभाई है। पीएम ने कहा "निक्षय मित्र' के तहत हमने लोगों से टीबी के रोगी को गोद लेने का आग्रह किया था। इस मिशन के बाद भारत के आम लोगों द्वारा 10 लाख के करीब टीबी रोगियों को गोद लिया गया है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में 10-12 साल भर के बच्चे भी 'निक्षय मित्र' बनकर लड़ाई में योगदान दे रहे हैं। इन निक्षय मित्रों की आर्थिक सहायता 1 लाख करोड़ से अधिक हो गई है। भारत में इतनी बड़ी सामुदायिक पहल बहुत प्रेरक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए 75 लाख मरीजों के खातों में करीब 2 लाख करोड़ रुपये सीधे भेजे गए हैं।

National News inextlive from India News Desk