गुवाहाटी (असम) एएनआई/पीटीआई)। देश के प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को असम के कोकराझार में बोडो समझौते पर हस्ताक्षर होने का जश्न मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दाैरान पीएम ने एक विशाल सार्वजनिक रैली को संबोधित किया। बीती 27 जनवरी को हुए समझौते पर हस्ताक्षर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने कहा कि यह लोगों के समर्थन के कारण था कि बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह असम और पूरे पूर्वोत्तर के लिए एक नया अवसर और नई सुबह है। लोगों की मदद और इच्छाशक्ति के कारण ही स्थायी शांति का मार्ग खुला है।

कोई भी नागरिक इस क्षेत्र में अब हिंसा से नहीं मरेगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जताते हुए कहा कि इस शांति समझौते पर हस्ताक्षर उस समय हुआ है जब राष्ट्र महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मना रहा था। बोडो समझौते सभी समुदायों और समाज के वर्गों के लिए एक जीत है। अब हम हिंसा को वापस नहीं आने देंगे। अब उत्तर की शांति और विकास के लिए एक साथ काम करने का समय है। पीएम यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि यहां दशकों से बंदूकधारी थे लेकिन अब हम आतंकवाद के अंधेरे को यहां नहीं आने देंगे। कोई भी नागरिक इस क्षेत्र में अब हिंसा से नहीं मरेगा।

अहिंसा और लोकतंत्र में अपने विश्वास को दोहराया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि असम के बहुत से लोगों ने शांति, अहिंसा और लोकतंत्र में अपने विश्वास को दोहराया है। मोदी ने कहा कि बोडो भूमि आंदोलन से जुड़े हर साथी की उम्मीदों और आकांक्षाओं का पांच दशकों के बाद पूरे सद्भाव के साथ सम्मान किया गया है। इस दाैरान पीएम मोदी ने ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन, नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड और असम सरकार से जुड़े सभी युवाओं की तारीफ की जिन्होंने इस समझौते के लिए बहुत सकारात्मक भूमिका निभाई।

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