सरकारी आवास तक पर भी नहीं जाते
प्रहलाद मोदी एआईएफपीएसडीएफ के उपाध्यक्ष है. वह सार्वजनिक वितरण प्रणाली(पीडीएस) में हो रही समस्याओं को लेकर काफी गंभीर हैं. इसलिये वह राशन के दुकानदारों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए आयोजित विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने भी गये. इस दौरान उन्होंने कहा कि वह काम के कारण दिल्ली आते जाते रहते हैं, लेकिन वह नमस्कार कहने तक के लिए 7, रेस कोर्स रोड स्थित प्रधानमंत्री के सरकारी आवास तक पर भी नहीं जाते. उन्होंने कहा कि हम दोनों भाइयों की मुलाकात बहुत कम होती है. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि हमारी बात फोन पर भी नहीं होती है. जिसका प्रमाण है कि पिछले 13 वर्षों में मैंने बड़े भाई से केवल तीन बार मुलाकात की है, क्योंकि देश की सेवा के लिए उन्होंने अपने परिवार को त्याग दिया और देश का कल्याण ही उनका मुख्य लक्ष्य है.

पीएम होने का लाभ उठाना चाहिये
प्रहलाद ने बताया कि उनकी मुलाकात तब भी नहीं हुई जब वह पिछले वर्ष प्रधानमंत्री बने थे. मोदी प्रधानमंत्री पद का शपथ लेने के बाद माताजी का आशीर्वाद लेने गांधीनगर पहुंचे थे. इसके अलावा जब उनसे पूछा गया कि प्रधानमंत्री के भाई होने के नाते वह कोई सुविधा नहीं भोग रहे हैं, तो इस पर उन्होंने कहा कि मैं एक दुकानदार हूं. प्रधानमंत्री का सगा भाई होने पर भी कोई विशेषाधिकार या सुविधा नहीं भोगता. मैने कभी यह नहीं सोचा कि मुझे भाई के पीएम होने का लाभ उठाना चाहिये, लेकिन  हां प्रोटोकॉल के तहत मुझे सुरक्षा मुहैया कराई गई है. इसके साथ ही उन्होंने मोदी की पत्नी जसोदा बेन के बारे में भी कहा कि वह अपने मायके में हैं. बावूजदू इसके उनके हमारे परिवार के साथ अच्छे संबंध हैं.
आवास तक पर भी नहीं जाते
प्रहलाद मोदी एआईएफपीएसडीएफ के उपाध्यक्ष है. वह सार्वजनिक वितरण प्रणाली(पीडीएस) में हो रही समस्याओं को लेकर काफी गंभीर हैं. इसलिये वह राशन के दुकानदारों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए आयोजित विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने भी गये. इस दौरान उन्होंने कहा कि वह काम के कारण दिल्ली आते जाते रहते हैं, लेकिन वह नमस्कार कहने तक के लिए 7, रेस कोर्स रोड स्थित प्रधानमंत्री के सरकारी आवास तक पर भी नहीं जाते. उन्होंने कहा कि हम दोनों भाइयों की मुलाकात बहुत कम होती है. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि हमारी बात फोन पर भी नहीं होती है. जिसका प्रमाण है कि पिछले 13 वर्षों में मैंने बड़े भाई से केवल तीन बार मुलाकात की है, क्योंकि देश की सेवा के लिए उन्होंने अपने परिवार को त्याग दिया और देश का कल्याण ही उनका मुख्य लक्ष्य है.

 

 

सुरक्षा मुहैया कराई गई
प्रहलाद ने बताया कि उनकी मुलाकात तब भी नहीं हुई जब वह पिछले वर्ष प्रधानमंत्री बने थे. मोदी प्रधानमंत्री पद का शपथ लेने के बाद माताजी का आशीर्वाद लेने गांधीनगर पहुंचे थे. इसके अलावा जब उनसे पूछा गया कि प्रधानमंत्री के भाई होने के नाते वह कोई सुविधा नहीं भोग रहे हैं, तो इस पर उन्होंने कहा कि मैं एक दुकानदार हूं. प्रधानमंत्री का सगा भाई होने पर भी कोई विशेषाधिकार या सुविधा नहीं भोगता. मैने कभी यह नहीं सोचा कि मुझे भाई के पीएम होने का लाभ उठाना चाहिये, लेकिन  हां प्रोटोकॉल के तहत मुझे सुरक्षा मुहैया कराई गई है. इसके साथ ही उन्होंने मोदी की पत्नी जसोदा बेन के बारे में भी कहा कि वह अपने मायके में हैं. बावूजदू इसके उनके हमारे परिवार के साथ अच्छे संबंध हैं.

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