नई दिल्ली (आईएएनएस / एएनआई)। Parliament Special Session : संसद का पांच दिवसीय स्पेशल सेशन आज सोमवार से शुरू हुआ है। इस दाैरान लोकसभा में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद का विशेष सत्र ऐतिहासिक फैसलों का गवाह बनेगा। हम कल नए संसद भवन में चले जाएंगे, लेकिन यह पुरानी इमारत आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करती रहेगी। इस बिल्डिंग को अलविदा कहना एक इमोशनल मूमेंट होगा क्योंकि पुराने संसद भवन के साथ कई खट्टी-मीठी यादें जुड़ी हुई हैं। 2014 में संसद में अपने पहले दिन को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, पहली बार जब मैं एक सांसद के रूप में संसद में प्रवेश किया था तो मैंने अपना सिर झुकाया और यह एक भावनात्मक क्षण था।

लोकतंत्र के ताकत की तारीफ की

प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र की ताकत की तारीफ करते हुए कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर अपना जीवन बिताने वाला व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री बनेगा, लेकिन यह भारतीय लोकतंत्र की ताकत है। उन्होंने यह भी कहा कि हम सभी इस ऐतिहासिक इमारत को अलविदा कह रहे हैं। स्वतंत्रता से पहले, यह सदन इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल का स्थान था। आजादी के बाद इसे संसद भवन की पहचान मिली। यह सच है कि इस इमारत के निर्माण का निर्णय विदेशी शासकों ने लिया था, लेकिन हम इसे कभी नहीं भूल सकते और गर्व से कह सकते हैं कि इसके निर्माण में जो मेहनत, मेहनत और पैसा लगा, वह मेरे देशवासियों की थी।

पुराने संसद भवन में कई बड़े फैसले

पीएम ने यह भी कहा कि पिछले 75 वर्षों में इस सदन (पुराने संसद भवन) में कई फैसले हुए हैं। उन्होंने कहा, ''संसद के हम (सांसद) परिवार के सदस्यों की तरह हैं। स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद सांसदों ने हमेशा अपनी जिम्मेदारियां निभाई हैं। कुछ व्हीलचेयर में आए, कुछ सर्जरी के बाद कार्यवाही में शामिल हुए...महामारी के दौरान भी, सांसद देश के लिए काम करते रहे,''। ''नए परिसर में जाने से पहले इस संसद भवन से जुड़े प्रेरणादायक क्षणों को याद करने का समय आ गया है।''

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