जामिया, एएमयू की तर्ज पर डॉ। बीआरएयू में प्रदर्शन की थी मंशा

पुलिस-प्रशासन और यूनिवर्सिटी अधिकारियों ने बरती सक्रियता

आधा दर्जन छात्र नेताओं को लिया हिरासत में

आगरा। नागरिकता संशोधन बिल (कैब) के विरोध में दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी की तर्ज पर आगरा के डॉ। भीमराव आम्बेडकर यूनिवर्सिटी में भी हिंसा की मंशा को पुलिस ने फेल कर दिया। छात्रों के विरोध प्रदर्शन की सूचना पर पहले से मुस्तैद पुलिस ने आधा दर्जन छात्र नेताओं को हिरासत में ले लिया। छात्र यहां पर सरकार का पुतला फूंकने की तैयारी कर रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें विरोध करने से पहले ही पकड़ लिया।

यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन की खबर पर दौड़ी पुलिस

दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में 15 दिसंबर को स्टूडेंट्स ने कैब के विरोध में प्रदर्शन किया था। वहीं मेरठ और अलीगढ़ में भी स्टूडेंट्स ने अपनी आवाज बुलंद की। मंगलवार को डॉ। भीमराव आम्बेडकर यूनिवर्सिटी में सपा छात्र नेताओं ने भी प्रदर्शन करने की कोशिश की। छात्र सरकार का पुतला फुंकने की तैयारी कर रहे थे। पुलिस को जैसे ही प्रदर्शन की खबर मिली वह दौड़ पड़ी और प्रदर्शन करने से पहले ही पुलिस ने सपा छात्र नेता आलोक यादव, आशीष यादव सहित पांच लोगों को हिरासत में ले लिया।

फोर्स की मुस्तैदी से टला बवाल

प्रदर्शन की सूचना पर एसपी सिटी रोहन पी बोत्रे भी मय फोर्स के यूनिवर्सिटी पहुंच गए। प्रदर्शन की कोशिश करने पर स्टूडेंट्स को हिरासत में ले लिया गया, जबकि दर्जनों स्टूडेंट्स मौके से भाग निकले। इस दौरान दंगा नियंत्रण वाहन, फायर ब्रिगेड के वाहनों को पहले से ही यूनिवर्सिटी पर खड़ा किया गया था। प्रदर्शन की मंशा रखने वाले छात्र नेताओं को उक्त वाहनों से सिकंदरा थाने भेज दिया गया। इसी तरह सेंट जोंस कॉलेज के पास भी एक दर्जन से अधिक युवकों ने प्रदर्शन का प्रयास किया, लेकिन फोर्स के पहुंचने पर वह खुद को क्रिसमस कार्यक्रम का आयोजक बताने लगे, इसके बाद उन्हें नजरबंद किया गया।

यूनिवर्सिटी में छात्राओं द्वारा की गई प्रदर्शन की मंशा विफल रही। पहले से मुस्तैद पुलिस ने पांच छात्रों को पकड़ लिया है। वहीं शहीद स्मारक पर अज्ञात में 40 और लोहामंडी में भी इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।

रोहन पी बोत्रे, एसपी सिटी