RANCHI : एंटी नक्सल ऑपरेशन में शामिल जवानों के डिप्रेशन में जाने के बढ़ रहे मामलों को लेकर पुलिस मेंस एसोसिएशन ने ऑपरेशन से जुड़े आला अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोसिएशन के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार ने कहा कि किए जा रहे अमानवीय व्यवहार के कारण ही जवान डिप्रेशन में जा रहे हैं। उन्होंने इसके लिए ऑपरेशन के आईजी आशीष बत्रा और एसपी हरिलाल चौहान पर आरोप मढ़े हैं। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन के मेंबर्स मुख्यमंत्री रघुवर दास और डीजीपी डीके पांडेय से मुलाकात कर इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। गौरतलब है कि दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में एंटी नक्सल ऑपरेशन में शामिल जवानों के डिप्रेशन की खबर पब्लिश होने के बाद पुलिस मेन्स एसोसिएशन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है।

अमानवीय व्यवहार कर रहे आईजी आपरेशन

पुलिस मेन्स एसोसिएशन का कहना है कि एंटी नक्सल ऑपरेशन में शामिल जवानों के साथ आईजी ऑपरेशन और एसपी ऑपरेशन का व्यवहार अमानवीय होता जा रहा है। जवानों को अभियान में भेजने के एक सप्ताह के भीतर उनकी ड्यूटी बदलती रहनी चाहिए, लेकिन उन्हें पांच-पांच सप्ताह तक अभियान में लगाया जा रहा है, ऐसे में जवान मेंटली व फिजिकली टॉर्चर हो रहे हैं।

खानसामा बना रहे अफसरों के घर खाना

असाल्ट ग्रुप (एजी) के साथ 4 खानसामा की टीम रहती है, लेकिन फिलहाल एजी के साथ एक भी खानसामा (कुक) नहीं रहता। सभी खानसामा को अधिकारियों के घर पर लंच-डिनर बनाते देखा जा सकता है। इन कुक के नहीं रहने के कारण जवानों को जंगल में खुद ही खाना बनाना पड़ रहा है या भूखे रहना पड़ रहा है।

3- दौड़ा-दौड़ा कर करा रहे ट्रेनिंग

अधिकारियों पर आरोप है कि जंगल के भीतर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जवानों को दौड़ने की ट्रेनिंग दी जा रही है, जो मानवीय लिहाज से उचित नहीं है। ये जवान कभी भी किसी हादसे के शिकार हो सकते हैं। अगर हादसा होता है तो जांच और कार्रवाई का आश्वासन देकर अधिकारी पल्ला झाड़ लेते हैं।