गुड मॉर्निंग, बिल्कुल ताजी ताजी. मूड कैसा है? ठीक है तो ठीक है नहीं तो हम हाजिर हैं, हम बोले तो वीरा. हाल ही में दिल्ली में पॉलीथीन बैग्स का यूज बिल्कुल बंद कर दिया गया है. अच्छा फैसला है, पर आज मैं डेविल्स एडवोकेट बन कर पॉलीथीन की खूबियां गिनाऊंगी. कभी ध्यान दिया है कि पॉलीथीन के कितने यूज हैं आपकी लाइफ में? गिनिए मेरे साथ, सबसे पहला यूज तो भाई कैरीबैग की तरह ही है. क्या-क्या कैरी करते हैं आप? सब्जी, राशन, कपड़े, गंदे कपड़े, साफ कपड़े, ऊनी कपड़े, प्रेस वाले कपड़े, देने वाले कपड़े, और न जाने कितना वैराइटी के कपड़े. इसके बाद रबड़ी, समोसे, चाट, इमरती, खस्ता जलेबी, दूध यहां तक की चाय भी. देखा ये कैरी बैग कुछ भी कैरी कर सकता है, आपके बच्चे के डायपर्स भी. लेकिन बेहतर भविष्य के लिए आराम पहुंचाने वाली चीजों की कुर्बानी देनी पड़ती है.

Polybags

याद करते हैं पॉलीथींस के कुछ अनकंवेंशनल यूज, टपकते हुए नल के चारों ओर बांधने के लिए. कभी ट्राई किया है आपने? मैने किया है. दीवार पर जो इलेक्ट्रिक सॉकेट्स के होल होते हैं उन्हें भर कर सपाट करने के लिए, दो चीजों को जोडऩा हो तो मोमबत्ती से पॉलीथीन को धीरे-धीरे जलाओ और टूटे हुए टुकड़ों को पास ले जाओ, क्या जोड़ लगता है! हाल ही में एक और यूज सीखा है पॉलीथीन बैग का - आलू उबालना. आलू के एक जैसे पीसेज लीजिए, उन्हें पॉलीथीन में डालिए, थोड़ा पानी डालिए और माइक्रावेव में 10 मिनट के लिए रखिए. ऑफकोर्स स्विच ऑन कीजिए और बस 10 मिनट में क्या मस्त पके आलू मिलेंगे आपको.

पॉलीथीन का इस्तेमाल बरसात में पानी से बचने के लिए सिर को ढकने के लिए तो किया ही होगा, नहीं तो अपना पेन, वॉलेट और मोबाइल तो पॉलीथीन में डाल कर भीगने से बचाया ही होगा. बच्चों के पास इसका और भी अच्छा यूज है, पानी भर कर गुब्बारे की तरह इस्तेमाल करने का. इसके अलावा एक और नया ताजा यूज है पॉलीथीन से रस्सी बनाने का. पॉलीथीन को चोटियों की तरह गूंठ कर एक लम्बी रस्सी बनाइए और फिर कहीं भी इस्तेमाल कीजिए.

बारिश में टपकती छत को सहारा कौन देता है? बताइए, बताइए, पॉलीथींस. कूड़ा फेंकने और डस्टबिन में रैप करने के लिए भी तो पॉलीथींस बैग्स ही यूज होते हैं. वैसे आपका स्टेटस सिम्बल भी बताते हैं पॉलीबैग्स, अरे उस स्टोर का नाम नहीं छपा होता जिससे आपने शॉपिंग की होती है. इसलिए तो बड़े-बड़े स्टोर्स के शॉपिंग बैग्स आप नहीं फेंकते हैं. मेरे पास तो एक और यूज है पॉलीथींस का, सिर पर कैप की तरह यूज करना मेंहदी लगाने के बाद ताकि इधर-उधर मेंहदी न लगे खासकर आपके कपड़ो में.

एक दिन एक कॉलर से ऑन एयर  इसी विषय पर बात हो रही थी तो उनसे पूछा कि उनके घर में पॉलीथीन किस-किस कोने में पाया जाता है? जवाब पढि़ए - किचन की टॉप शेल्फ के नीचे, छत पर, बेडरूम में, अलमाारी के नीचे शेल्फ पर, ड्राइंग रूम की टेबल में, बाथरूम में, यहां तक की बेड के नीचे भी. उस पर आलम ये कि डिफरेंट कैटगरीज की तरह सम्भाल कर रखे हैं, लम्बे, मोटे, छोटे, पतले, एक्सपेंसिव, और भी कई वैराईटीज हैं.

अब बोलिए क्या पॉलीथीन बैग्स कोई मामूली चीज है? मैं तो बोलती हूं इनकी उतनी ही इंपौरटेंस है हमारी लाइफ में जितनी घर के एक सदस्य की. क्या आप पॉलीथीन के बिना एक दिन भी सोच सकते हैं? मेरे लिए तो बड़ा मुश्किल है. मैं पूछती हूं अगर इनको हमारी जिंदगी से जाना ही था तो हमारी जिंदगी में आए ही क्यों? क्या मैं ज्यादा जजबाती हो गयी. खैर जो आया है उसे जाना भी है, सम्भालिए अपने आप को मैं भी सम्भालती हूं. अगली बार मिलने तक बचे हुए पॉलीथींस को जरा सम्भाल कर इस्तेमाल करिए. मेरे प्यारे पॉलीथींस तुम जहां भी रहो सुखी रहो. अब तुम्हारा जाना ही बेहतर है. सबुक सबुक!

वीरा
Writer is associated with entertainment industry