-मेडिकल बोर्ड की टीम के निर्देश पर ही मिलेगा 15 दिन का एक्सटेंशन

-रेफर किए जाने के तीन दिनों के अंदर कैदी को ले जाना होगा

-कैदी की हालत बिगड़ने पर जेल प्रशासन की होगी जवाबदेही

<द्गठ्ठद्द>RANCHI : रिम्स में आराम की जिंदगी जीने वाले आम और खास कैदियों के लिए बुरी खबर है। हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार अब कोई भी कैदी रिम्स में सात से अधिक दिनों तक नहीं रह पाएगा। रिम्स के कैदी वार्ड और काटेज में आराम फरमाने वाले कैदियों के लिए हॉस्पिटल पिकनिक स्पॉट बन गया था। जिसे देखते हुए हाईकोर्ट ने हॉस्पिटल को निर्देश जारी किया है।

इमरजेंसी में मिलेगा एक्सटेंश

हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार किसी भी कैदी को हॉस्पिटल में एक हफ्ते से अधिक नहीं रखा जाएगा। वहीं यह भी निर्देश दिया गया है कि सात दिनों के अंदर कैदी की मेडिकल जांच कर ली जाए। इमरजेंसी में राज्यस्तरीय मेडिकल बोर्ड की टीम के निर्णय लिए जाने के बाद कैदी के हॉस्पिटल में इलाज के लिए अधिकतम 15 दिनों का एक्सटेंशन दिया जाएगा।

रेफर किए जाने के तीन दिनों के अंदर ले जाना होग

ईलाजरत किसी कैदी को अगर रिम्स से रेफर कर दिया जाता है तो उसे तीन दिनों के अंदर दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट करने की जिम्मेवारी जेल प्रशासन की होगी। इस बीच अगर कैदी की हालत बिगड़ती है तो इसकी जवाबदेही जेल प्रशासन की होगी।

ददई दूबे भेजे गए जेल

रिम्स में इलाज के लिए आए ददई दूबे को मंगलवार को गढ़वा जेल भेज दिया गया। गौरतलब है कि गढ़वा में सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्हें इलाज के लिए रिम्स लाया गया था। यहां कॉटेज की डिमांड को लेकर उन्होंने सोमवार को जमकर हंगामा किया था। ऐसे में यहां से उन्हें एम्स रेफर करने की भी बात हुई थी, लेकिन हाईकोर्ट के सख्त तेवर के बाद पूर्व मंत्री ददई दूबे को वापस गढ़वा जेल भेज दिया गया।