बहुत जल्द ही देश के बैंकिंग सेक्टर में टाटा और रिलायंस जैसे प्राइवेट ग्रुप एंट्री लेंगे. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) ने देश के इकनॉमिक सेक्टर में सुधार से जुड़ा अहम कदम उठाते हुए नए बैंक खोलने संबंधी सर्कुलर जारी कर दिए. इसके बाद प्राइवेट व पब्िलक सेक्टर की कंपनियां और नॉन-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) बैंकिंग सेक्टर में उतर सकेंगी. इसके अलावा पोस्टल डिपार्टमेंट की अपना पोस्ट बैंक खोलने की हसरत भी पूरी हो सकती है.

खत्म हुआ लंबा इंतजार

आरबीआइ ने साल 1993 के बाद से प्राइवेट सेक्टर में केवल 12 बैंकों को खोलने की इजाजत दी है. सेंट्रल बैंक ने तकरीबन 8 साल से किसी भी नए प्राइवेट बैंक को अनुमति नहीं दी है. लंबे अरसे बाद आरबीआइ एक बार फिर प्राइवेट सेक्टर को बैंक लाइसेंस देगा. इसके लिए नए नियम बनाने का सिलसिला पिछले 3 साल से जारी था. फाइनेंस मिनिस्टर पी चिदंबरम रिजर्व बैंक पर लगातार दबाव बनाए हुए थे कि वह नए बैंक लाइसेंस जारी करे.  

इन सेक्टरों को मिलेगी इजाजत

इन नियमों से यह भी साफ हो गया है कि रीयल एस्टेट, गवर्नमेंट इंस्टीट्यूशंस, शेयर ब्रोकिंग या इंश्योरेंस की कंपनियां भी बैंकिंग कारोबार में उतर सकेंगी. सेंट्रल बैंक ने स्पष्ट कर दिया है कि वह एनबीएफसी को बैंकिंग सेक्टर में उतरने के अगेंस्ट नहीं है. मौजूदा एनबीएफसी को भी बैंक में तब्दील करने की छूट मिलेगी बशर्ते वे सभी शर्तों को पूरा करे. इन दिशानिर्देशों में यह कहा गया है कि रिजर्व बैंक पुराने रिकॉर्ड साफ होने पर ही किसी एनबीएफसी को बैंकिंग कारोबार में उतरने की अनुमति देगा. साथ ही अगर दूसरे सेक्टर की कंपनियां बैंकिंग में उतरना चाहती हैं तो आरबीआइ पहले उस सेक्टर के नियामक से भी मशविरा करेगा.

रूरल एरिया में खोलनी होंगी ब्रांच

नए बैंकों को अपनी वन फोर्थ ब्रांच 10 हजार से कम आबादी वाले गांवों में खोलनी होंगी. बैंक खोलने के लिए 500 करोड़ की मिनिमम बैलेंस जरूरी होगा. इसे लाइसेंस गारंटी के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा. इसके अलावा नए बैंकों में फॉरेन इनवेस्टमेंट 49 परसेंट तक होगा. आरबीआई ने कहा कि वह इस साल 1 जुलाई तक नए बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन स्वीकार करेगा.

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